शिमला: हिमाचल को अपना दूसरा घर बताने वाले पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सिरमौर जिला के नाहन में थे. यहां आकर पीएम ने अपने पुराने दिन याद किए. शिमला सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने सिरमौरी बोली में अपना भाषण शुरू किया तो पंडाल में जोरदार तालियां गूंज उठीं. पीएम ने सबसे पहले जनसभा में आए लोगों को ढाल बुलाई. ढाल यानी प्रणाम. पीएम ने कहा-सोबी के मेरी ढाल, सोबी के राम-राम. यानी सभी को मेरी तरफ से प्रणाम व राम-राम.
पीएम की लोकल बोली ने जीता लोगों का दिल
इसके बाद पीएम ने सिरमौर के सभी देवी-देवताओं व गुरु गोबिंद सिंह को भी लोकल बोली में याद किया. पीएम ने कहा-मां बाला सुंदरी, रेणुका मां और पोरशुराम के धोरती, महर्षि जमदग्नि के तपोस्थली, चूड़ेश्वर महादेव, शिरगुल देवता, महासू देवता की पुण्य धरा गुरु गोबिंद सिंह रे धरती पांदी आइ के मूखे बोहत बोहत खुशी औसो. यानी मां बाला सुंदरी, रेणुका मां, परशुराम भगवान, महर्षि जमदग्नि, देव शिरगुल, महासू देवता व गुरू गोविंद सिंह की धरती पर आकर मुझे बहुत खुशी है. पीएम के सिरमौरी अंदाज को देखकर जनसभा में आए लोगों में उत्साह देखा गया.
"न नाहन नया, न सिरमौर, लेकिन माहौल नया"
इसके बाद पीएम ने हिमाचल से अपने लगाव की चर्चा की. पीएम ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मैं अपने घर आया हूं. मेरे लिए न तो नाहन नया है न ही सिरमौर नया है, लेकिन मुझे कहना पड़ेगा कि आज का माहौल नया है. पुराने दिनों को याद करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे यहां पर यानी हिमाचल में संगठन का काम करते थे. पीएम ने कहा-मैं आप लोगों के बीच रहता था. चुनाव भी लड़वाता था, लेकिन यहां सिरमौर में इतनी बड़ी रैली मैं खुद कभी नहीं कर पाया. पार्टी की बैठकें लेता था, सबको समझाता था, मुझे लगता है शायद यहां के इतिहास की ये सबसे बड़ी रैली होगी. मैं हैलीपैड से यहां आ रहा था, पूरे रास्ते भर शायद यहां से दोगुना लोग खड़े हैं. आपका ये प्यार, ये आशीष मुझे हमेशा हिमाचली बनाकर रखता है.