गया: बिहार के गया में पितृपक्ष मेला चल रहा है. 2 अक्टूबर तक गया में पिंडदान की प्रक्रिया चलेगी. शुक्रवार को पितृपक्ष मेले का चौथे रहा. इस दिन पिंडदान का विशेष महत्व है. गयापाल पंडा गजाधर लाल कटरियार के अनुसार गयाजी धाम में उत्तर मानस, उदीची, कनखल, दक्षिण मानस, जिहवा लोल आदि वेदियो पर पिंडदान करने का विधान है. मान्यता है कि इन वेदियो पर पिंडदान करने से पितर जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं.
"इन वेदियो के तालाबों को स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करने वाला तालाब माना जाता है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वे ब्रह्म लोक को प्राप्त होते हैं. इसलिए चौथे दिन पूरे विधि विधान के अनुसार पिंडदानियों को पिंडदान करना चाहिए."-गजाधर लाल कटरियार, गयापाल पंडा
पिंडदान के लिए देश-विदेश से पहुंचे हैं लोगः पितृपक्ष मेले के चौथे दिन पिंडदानियां की भीड़ उमड़ती है. सभी अपने पितरों के मोक्ष की कामना के निमित पिंडदान करने आते हैं. पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर चौथे दिन सबसे पहले उत्तर मानस पर पिंडदान करना चाहिए. इसके बाद दक्षिण मानस को जाना चाहिए. दक्षिण मानस के बाद ही कई और पिंडवेदियां हैं जहां उत्तर मानस दक्षिण मानस पर पिंडदान के बाद पिंडदानी को जाना चाहिए.