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गयाजी धाम में उत्तर मानस समेत इन वेदियो पर पिंडदान का विधान, जन्म-मरण चक्र से मुक्त हो जाते हैं पितर - Pitru Paksha Mela Fourth Day

Pind Daan In Gaya:बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आज चौथा दिन है. इस दिन पिंडदान का विशेश महत्व है. गयापाल पंडा के अनुसार चौथे दिन उत्तर मानस समेत आधा दर्जन वेदियो पर पिंडदान का विधान है. यहां पिंडदान करने से पितर जन्म, मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं. जानें पूरी बात .

गयाजी धाम में पितृपक्ष मेला
गयाजी धाम में पितृपक्ष मेला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 20, 2024, 8:46 AM IST

गया: बिहार के गया में पितृपक्ष मेला चल रहा है. 2 अक्टूबर तक गया में पिंडदान की प्रक्रिया चलेगी. शुक्रवार को पितृपक्ष मेले का चौथे रहा. इस दिन पिंडदान का विशेष महत्व है. गयापाल पंडा गजाधर लाल कटरियार के अनुसार गयाजी धाम में उत्तर मानस, उदीची, कनखल, दक्षिण मानस, जिहवा लोल आदि वेदियो पर पिंडदान करने का विधान है. मान्यता है कि इन वेदियो पर पिंडदान करने से पितर जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं.

गयाजी धाम में पिंडदान करने पहुंचे पिंडदानी. (ETV Bharat)

"इन वेदियो के तालाबों को स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करने वाला तालाब माना जाता है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वे ब्रह्म लोक को प्राप्त होते हैं. इसलिए चौथे दिन पूरे विधि विधान के अनुसार पिंडदानियों को पिंडदान करना चाहिए."-गजाधर लाल कटरियार, गयापाल पंडा

पिंडदान के लिए देश-विदेश से पहुंचे हैं लोगः पितृपक्ष मेले के चौथे दिन पिंडदानियां की भीड़ उमड़ती है. सभी अपने पितरों के मोक्ष की कामना के निमित पिंडदान करने आते हैं. पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर चौथे दिन सबसे पहले उत्तर मानस पर पिंडदान करना चाहिए. इसके बाद दक्षिण मानस को जाना चाहिए. दक्षिण मानस के बाद ही कई और पिंडवेदियां हैं जहां उत्तर मानस दक्षिण मानस पर पिंडदान के बाद पिंडदानी को जाना चाहिए.

गयाजी धाम में विष्णु पदचिह्न (ETV Bharat)

दक्षिण मानस में मौन धारण करेंः गयापाल पंडा बताते हैं कि उत्तर मानस और दक्षिण मानस पर पिंडदान के बाद कनखल, उदीची, जिहवालोल वेदियों पर पिंडदान करना चाहिए. उन्होंने बताया कि चौथे दिन उत्तर मानस में पिंडदान करने के बाद दक्षिण मानस को जाना चाहिए. दक्षिण मानस जाने के दौरान मौन धारण करें. पुराण शास्त्रों में भी यह वर्णित है कि उत्तर मानस के बाद ही दक्षिण मानस में पिंडदान करने को जाना चाहिए. इसके बाद अन्य वेदियों पर पिंडदान करना चाहिए.

गयाजी धाम में वटवृक्ष में लटकी पितरों की तस्वीर (ETV Bharat)

2 अक्टूबर तल चलेगा मेलाः विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हुआ है जो 2 अक्टूबर तक चलेगा. आज पितृ पक्ष मेले का का चौथा दिन है. अब तक लाखों तीर्थ यात्रियों की भीड़ यहां पहुंच चुकी है. तीर्थयात्री अलग-अलग वेदियों पर पिंडदान का कर्मकांड पूरा कर रहे हैं. अपने पितरों के निमित्त मोक्ष की कामना कर रहे हैं. चौथे दिन उत्तर मानस, दक्षिण मानस, कनखल, जिह्वालोल, उदीची आदि पिंड वेदियों पर पिंडदान करेंगे.

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