ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी जायरीन ने मांगी ये दुआ (ETV Bharat Ajmer) अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की माहना छठी गुरुवार को दरगाह में मनाई गई. इस दौरान दरगाह में धार्मिक रस्में निभाई गईं. ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी के अवसर पर बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आए जायरीन ने दरगाह में हाजरी देकर अमन-चैन और भाईचारे की भी दुआएं मांगी.
ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी गुरूवार को धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाई गई. इस अवसर दरगाह में कुरान ख्वानी हुई, शजरा पढ़ा गया. वहीं धार्मिक माहौल के बीच ख्वाजा गरीब नवाज की छठी पर खादिमों की ओर से दरगाह आने वाले जायरीन के लिए दुआएं की गई. इसके अलावा किसी कारणवश दरगाह नहीं आ पाने वाले लोगों के लिए भी दुआएं की गई. दरगाह में मुल्क में खुशहाली, तरक्की, अच्छी बारिश, अमन-चैन और भाईचारे की भी दुआएं की गई.
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यह मान्यता है:खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी पर हजारों जायरीन हाजरी लगाने के लिए पहुंचे. जिन जायरीन की मन्नतें पूरी हो गई, उन्होंने मन्नत के धागे खोले. सकी ने बताया कि दरगाह में जिन जायरीन की मन्नतें पूरी होती हैं, वे अपनी आस्था के अनुसार माहना छठी में अजमेर शरीफ आने का संकल्प लेते हैं. यह जायरीन की आस्था है कि वह 7, 11, 25 छठी आने का संकल्प लेता है. उन्होंने बताया कि ऐसे भी कई जायरीन हैं जो संकल्प पूरा होने के बावजूद हर छठी पर वर्षों से आ रहे हैं.
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विभिन्न संस्थाओं की ओर से लंगर किया गया तकसीम: ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में महाना छठी पर बड़ी संख्या में जायरीन आते है. ऐसे में कई संस्थाओं की ओर से जायरीन को लंगर तकसीम किया जाता है। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि सदियों से मान्यता है कि दरगाह में आने वाला कोई भी शख्स भूखा नहीं रहता. इस मान्यता को आगे बढ़ाते हुए ही कई संस्थानों और जायरीन की ओर से लंगर की व्यवस्था की जाती है. इस कड़ी में सकी फाउंडेशन की ओर से भी लंगर तकसीम किया गया है.