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गाजियाबाद में 18 हजार में पेट्रोल स्कूटर को बना दिया इलेक्ट्रिक, 3 घंटे में होता है फुल चार्ज - ELECTRIC SCOOTER MADE BY STUDENTS

गाजियाबाद में इंजीनियरिंग के छात्र ने पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर को इलेक्ट्रिक स्कूटर में कन्वर्ट किया. देश में ईंधन के बढ़ते दामों को देखते हुए लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. क्योंकि पेट्रोल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की रनिंग कॉस्ट काफी कम होती है.

18 हजार में पेट्रोल स्कूटर को बना दिया इलेक्ट्रिक
18 हजार में पेट्रोल स्कूटर को बना दिया इलेक्ट्रिक (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 8, 2024, 7:51 PM IST

18 हजार में पेट्रोल स्कूटर को बना दिया इलेक्ट्रिक (etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लोग अब बढ़ते ईंधन के दामों को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख कर रहे हैं. दिल्ली एनसीआर में पेट्रोल वाहनों को 15 साल तक चलाया जा सकता है. ऐसे में गाजियाबाद में इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने पेट्रोल वाहन को कम खर्चे में इलेक्ट्रिक वाहन में कन्वर्ट किया है. हालांकि, अभी इसे छात्रों द्वारा प्रोजेक्ट के तौर पर बनाया गया है. छात्रों का कहना है कि यदि यह प्रोजेक्ट कामयाब होता है तो इसे व्यावसायिक तौर पर लॉन्च करने के लिए कोशिश की जाएगी.

बीटेक मैकेनिकल के फोर्थ ईयर के छात्र अरमान सिंह बताते हैं कि पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर को इलेक्ट्रिक स्कूटर में कन्वर्ट किया. पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर के इंजन को हटाकर बैटरी और कंट्रोलर लगाया गया है. एक बार चार्ज होने पर स्कूटर तकरीबन 30 किलोमीटर चल सकता है. हालांकि, अभी प्रोजेक्ट की शुरुआत है. प्रयास कर रहे की सिंगल चार्ज में स्कूटर 100 किलोमीटर तक चले. स्कूटर को बैलेंस करने के लिए सेंटर ऑफ ग्रेविटी मेंटेन करनी बेहद जरूरी होती है, ऐसे में पीछे का पहिया बदल दिया गया है.

बीटेक मैकेनिकल के फोर्थ ईयर के छात्र वरुण बताते हैं इलेक्ट्रिक स्कूटर को तैयार करने में कुल खर्च 24000 रुपए हुआ है. ₹6000 का स्कूटर है जबकि 18000 रुपए बैटरी कंट्रोलर समेत अन्य उपकरणों में लगे हैं. फिलहाल, इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को अलग-अलग मानकों पर टेस्ट कर रहे हैं.

बीटेक मैकेनिकल के फोर्थ ईयर के छात्र विकास पांडे बताते हैं फूड डिलीवरी सर्विसेज में पेट्रोल व्हीकल का इस्तेमाल करने पर डिलीवरी कॉस्ट काफी अधिक आती है. स्कूटर की परफॉर्मेंस इंप्रूव करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि फूड डिलीवरी सेक्टर में काम करने के लिए यह प्रोडक्ट पूरी तरह से तैयार हो. फिलहाल, प्रोडक्ट काफी हद तक तैयार हो चुका है. तमाम टेस्टिंग की जा रही है और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.

बता दें, कॉलेज के छात्रों द्वारा तैयार किया गया स्कूटर चार्ज होने में तकरीबन 3 घंटे का वक्त लेता है. एक बार पूरा चार्ज होने में स्कूटर तकरीबन 30 किलोमीटर तक चलता है. कॉलेज के छात्र इलेक्ट्रिक स्कूटर के पिकअप और माइलेज को बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

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