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आयुर्वेद को आयुष्मान योजना में शामिल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका - AYURVEDA FEDERATION OF INDIA PIL

आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ इंडिया ने लगाया है पीआईएल. याचिका में केंद्र सरकार और राज्य के विभागों को बनाया गया है पार्टी.

Ayushman Bharat Scheme
आयुष्मान भारत योजना (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 15, 2024, 3:47 PM IST

भोपाल: आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष विभागों की सेवाएं जोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुख्य कानूनी सलाहकार एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने यह पीआईएल लगाई है. आयुष को भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाने के पीआईएल में सभी संबंधित केंद्रीय विभागों एवं सभी राज्य के संबंधित विभागों को पार्टी बनाया गया है.

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से ईलाज कराना महंगा

आयुर्वेद फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हरेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति जैसे रसायन चिकित्सा, पंचकर्म, शल्यक्रिया आदि काफी महंगी होती है. वहीं मरीज आयुष की अन्य चिकित्सा पद्धति से भी उपचार कराते हैं. लेकिन ईलाज का मंहगा खर्च मरीज को ही उठाना पड़ता है. भदौरिया ने बताया कि आयुष को आयुष्मान योजना से जोड़ने पर आयुष विभाग को एक बल मिलेगा और सामान्य जनमानस को आयुष के अन्य विभागों में चिकित्सा सेवाओं को लेने के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी.

एनएचए और आयुष विभाग के बीच चर्चा जारी

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि आयुष पैकेज को आयुष्मान योजना में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय के बीच बैठकें आयोजित की गई हैं. कार्यान्वयन करने वाले राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए हित धारकों से व्यापक परामर्श किए गए हैं. इसके अलावा पैकेज डिजाइन, पैकेज लागत, आयुष अस्पताल ऑन-बोर्डिंग, मानक उपचार दिशानिर्देश (एसटीजी), वस्तुनिष्ठ रूप से परिभाषित उपचार परिणाम, वित्तीय निहितार्थ आदि सहित आयुष पैकेज एकीकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा जारी है.

बता दें आयुष्मान भारत योजना के तहत केवल एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से ईलाज कराने का प्रावधान है. इसके जरिए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मरीजों को 5 लाख रुपये तक के निशुल्क ईलाज की सुविधा मिलती है. अगर मरीज आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी या अन्य किसी चिकित्सा पद्धति से ईलाज कराता है, तो उसे आयुष्मान योजना का फायदा नहीं मिलता है.

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