हल्द्वानी:8 कुमाऊं के गौरव सेनानियों ने हल्द्वानी में कांगव दिवस धूमधाम से मनाया. इस मौके पर कांगव के युद्ध में कौशल, वीरता, साहस का बेहतरीन प्रदर्शन करने वीर सेनानियों और वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया गया. इस मौके पर द्वितीय विश्व युद्ध की गाथा भी सुनाई गई.
पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर बीएस रौतेला ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना को बर्मा से पीछे भगाना था. उस समय तक ब्रिटिश भारतीय सेना की कमान पूरी तरह अंग्रेज ऑफिसर्स हाथों में थी. जब ब्रिटिश भारतीय सेना आगे बढ़ रही थी तो अरकान की पुरानी राजधानी के पास मेबोन से करीब 70 किमी दूर एक छोटा सा गांव कांगन था.
अंग्रेजों ने 25 इन्फैंट्री डिवीजन के अंदर एक ब्रिगेड खड़ी की, जिसमें पूरे भारतीय सैनिक थे और इस ब्रिगेड में तीन पल्टनें बलूच रेजिमेंट की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल एलपी सेन, पंजाब रेजिमेंट की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल एसपी थोराट और 8/19 हैदराबाद रेजिमेंट की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल केएस थिमैय्या को सौंपी गई थी.