खूंटी :जिले में बाईपास की मांग को लेकर शहरवासियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. शहरवासी विधायक के बयान से काफी नाराज है. लोगों की नाराजगी के बाद विधायक ने भी मामले को लेकर फिर से विचार करने की बात कही है.
दरअसल, शहर की सड़कों पर वाहनों की लगातार बढ़ती आवाजाही से शहरवासी रोजाना परेशान रहते हैं. बढ़ते ट्रैफिक को कम करने के लिए शहरवासियों ने दशकों पहले बाईपास की मांग की थी, जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पूरा भी किया था. अर्जुन मुंडा द्वारा शिलान्यास के बाद शहरवासियों को उम्मीद जगी थी कि बाईपास का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा, लेकिन चुनाव ने इस योजना पर ग्रहण लगा दिया.
बाद में विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए यह मुद्दा बना और उन्होंने इसी मुद्दे पर चुनाव भी जीता, लेकिन चुनाव जीतते ही नवनिर्वाचित विधायक ने बाईपास बनाने से इनकार कर दिया. विधायक राम सूर्या मुंडा के बयान के बाद जब शहरवासियों में नाराजगी बढ़ी तो उन्होंने बाईपास के मुद्दे पर विचार करने का वादा किया.
जाम की समस्या से निजात पाने के लिए खूंटी के लोग वर्षों से बाईपास सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं. इससे आम लोग असमंजस की स्थिति में हैं. महागठबंधन के खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा ने 30 जुलाई 2024 को संसद में बाईपास सड़क की मांग की थी. उन्होंने संसद में कहा था कि खूंटी में वर्षों से लोगों की यह मांग रही है. विभिन्न औद्योगिक शहरों से भारी वाहन खूंटी में प्रवेश करते हैं. जिसके कारण शहर की सड़कों की स्थिति भयावह हो जाती है. आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. इस कारण खूंटी में तत्काल बाईपास का निर्माण होना चाहिए.
विधायक ने दिया था ये बयान
वहींं 4 दिसंबर को महागठबंधन विधायक राम सूर्या मुंडा ने ईटीवी को दिए बयान में साफ कहा था कि खूंटी में बाईपास सड़क का निर्माण नहीं होगा. जाम से निजात के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. विधायक ने कहा था कि बाईपास के निर्माण से किसानों की जमीन चली जाएगी. इसके बाद शहरवासियों ने विधायक के बयान का विरोध करना शुरू कर दिया और कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए वे बाईपास सड़क लेकर रहेंगे.
शहरवासियों ने आंदोलन की दी चेतावनी