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मसूरी में होलिका दहन, महिलाओं ने चौक चौराहों पर की पूजा अर्चना - Holika Dahan 2024

Holika Dahan 2024, Mussoorie Holika Dahan मसूरी में आज होली दहन किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही. लोगों ने जलती होलिका में अनाज डालकर अपने और परिवार के सुख शांति की कामना की

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मसूरी में होलिका दहन

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 24, 2024, 9:24 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में होली की धूम है. होली के रंगों का खुमार धीरे-धीरे लोगों पर चढ़ रहा है. होली से पहले मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक और गांधी चौक पर होलिका दहन किया. इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. होली से पहले होली दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान लोगों ने जलती होलिका में अनाज डालकर अपने और परिवार के सुख शांति की कामना की. होलिका दहन के बाद एक दूसरे को होली की बधाई दी. मसूरी के मुख्य चेहराहो में होलिका दहन को लेकर विशेष तैयारी की गई.

सुबह से ही महिलाएं होलिका की पूजन करने के लिये चौराहों पर पहुंची. होलिका की पूजा कर पुराने वर्ष की बुराइयों का अंत कर नए शुभ वर्ष की मंगल कामना की. मसूरी में सामाजिक और राजनीतिक संगठनों में अपने-अपने स्तर से होली के पर्व को मनाया. इस दौरान एक दूसरे को रंग लगाकर और मिठाई खिलाकर होली की शुभकामनाएं दी. होली के चलते मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ भी देखी गई. पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. वहीं, मसूरी में पर्यटक भी होली का जमकर आनंद ले रहे हैं. वहीं, होलिका पूजन करने आई महिलाओं ने कहा होली बुराई पर अच्छाई की जीत प्रतीक है. होली पर महिलाएं पूजन आदि करती हैं. अपने परिवार और बच्चों की स्वस्थ जीवन के लिए होलिका मैया से प्रार्थना करती हैं. साथ ही एक दूसरे की गलतियों को भूलकर आपसी भाईचारे और प्रेम सौहार्द के साथ होली मनाते हैं.

बता दें हिंदुओं का दीपावली के बाद होली सबसे बड़ा त्योहार है. हिंदू धर्म की संस्कृति और सभ्यता उनके त्योहारों में झलकती है. वहीं, सुबह से ही बाजारों में भी रौनक नजर आ रही है. लोग हर्बल रंगों व विभिन्न प्रकार की पिचकारी खरीदते हुए देखे जा रहे हैं. महिलाओं ने बताया कि, होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाती है और अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं. होलिका दहन के पीछे विष्णु, भक्त प्रह्लाद और होलिका की कहानी है.

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