हल्द्वानी:देशभर के साथ उत्तराखंड में भी रविवार रात होलिक दहन हुआ. होलिका दहन के मौके पर हल्द्वानी के साथ-साथ कुमाऊं मंडल के अलग-अलग जगहों में होलिका दहन का आयोजन किया गया. पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार पूजन के बाद होलिका दहन किया गया.
रविवार सुबह से ही महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में होलिका माता की पूजा-अर्चना की. देर रात होलिका का दहन किया गया. होलिका दहन के दौरान भक्त प्रह्लाद की जय, होलिका माता की जय और नरसिंह भगवान की जय के उद्घोष कर लोगों ने एक दूसरे की होली की बधाई दी. मान्यता है कि होली से पहले होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
हल्द्वानी में कई जगहों पर होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान लोगों ने जलती हुई होलिका में अनाज की बालियां जलाकर प्रसाद ग्रहण कर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की. वहीं होलिका दहन के बाद एक-दूसरे को होली की बधाइयां दीं. लोगों ने विधि-विधान से पूजा की साथ ही एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई दी. कई जगह लोग होली के गीतों पर थिरकते नजर आए.
होलिका दहन के साथ रंगों के उत्सव के लिए लोगों में उत्साह देखने को मिला. ढोल-नगांड़ों और डीजे पर लोग जमकर थिरके. होलिका दहन के दौरान जगह-जगह देर रात तक लोगों ने जाग कर फाग गीतों के साथ आनंद लिया. ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन का कार्यक्रम 11:15 से प्रारंभ हुआ. देर रात तक होलिका दहन के कार्यक्रम जगह-जगह होते रहे.
होलिका दहन के दौरान लोगों ने होलिका माता की परिक्रमा कर अनाज को होलिका की अग्नि में भूनकर पूरे परिवार को प्रसाद के रूप में खिलाकर सुख शांति की कामना की. हल्द्वानी के सिंधी चौराहे पर स्थित पारंपरिक होलिका दहन कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष भी शामिल हुए. इस दौरान महिलाएं पारंपरिक गीत गाती नजर आईं.
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