भीषण गर्मी से इंसानों के साथ ही बेजुबान भी परेशान. (वीडियो-ईटीवी भारत) रामनगर:देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है. इन दिनों सूरज की तपिश से लोग परेशान हैं. उत्तराखंड में भीषण गर्मी से इंसानों के साथ ही बेजुबान भी परेशान हैं. चिलचिलाती गर्मी का असर लोगों के जनजीवन पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. वहीं गर्मी से मवेशी और पालतू जानवर भी परेशान हैं.
हल्द्वानी-रामनगर में 40 डिग्री से ज्यादा तापमान रह रहा है, जिसमें इंसान ही नहीं पालतू मवेशियों के साथ ही पालतू जानवर भी परेशान हैं. वहीं बढ़ती गर्मी के चलते मवेशियों व पालतू जानवरों में भी बड़ी समस्या. बता दें कि गर्मी का पारा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इंसान ही नहीं बल्कि मवेशीयों व पेट एनिमल भी बीमार पड़ रहे हैं. गर्मी के मौसम में इंसानों के साथ-साथ पशुओं में भी लू लगने का खतरा बन रहता है. लू लगने के बाद पशुओं में कई तरह के बदलाव होते हैं और पशु थके थके रहते हैं. पशुओं में लगातार बुखार की शिकायत रहती है.
साथ ही मवेशी गाय भैंस दूध कम देना शुरू करने के साथ ही खाना भी कर देते हैं. वहीं पेट एनिमल्स में भी डायरिया उल्टी-दस्त, खाना न खाना ऐसी बीमारियां बढ़ जाती हैं. पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में इंसानों के साथ-साथ पशुपालकों को पशुधन का खास ख्याल रखना चाहिए. इस मौसम में पशुधन को लू लगने का खतरा सबसे अधिक रहता है. इसके पीछे का मुख्य कारण गर्म हवा और तपती धूप में पशुओं का बाहर रहना या काम करना है. लू लगने के बाद पशुओं में कई तरह के बदलाव होते हैं.
पशु बीमार हो जाते हैं, थके-थके रहते हैं. खाना कम खाते हैं या खाना खाना बंद कर देते हैं. पशुओं में लगातार बुखार देखा जाता है. इससे दुधारू पशु कम दुग्ध उत्पादन करते हैं. उन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है. जीभ को बार-बार बाहर निकालते हैं. मुंह के आसपास हमेशा झाग निकलती रहती है. चमड़ा सूख जाता है. साथ ही वो खड़ा होने में लड़खड़ाते हैं और उनका बीपी भी नीचे गिर जाता है. वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी राजीव कुमार ने मवेशी स्वामियों से केवल उपचार ही नहीं बल्कि कुछ चीजें खुद करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि गौशाला को हवादार रखें और अपने जानवर को दिन में तीन से चार बार पानी पिलाएं. उन्होंने किसान भाइयों को अपनी व्यवस्था अनुसार पंखा व कूलर लगाने की भी सलाह दी.
उन्होंने कहा कि एक बोरे को ले लें और उसको भिगोकर अपने जानवर के ऊपर रख दें, उससे भी जानवरों को राहत मिलेगी और उससे मवेशी का टेंपरेचर काफी नीचे रहेगा. राजीव कुमार ने पशुओं की डाइट को लेकर भी सावधानी बरतने को कहा है. उनका कहना है कि आजकल नया भूसा आया है और पशुपालक उस भूसे को अपने मवेशी को ऐसे ही खिला रहे हैं, जिससे उसे डायरिया की शिकायत हो रही है. उन्होंने पशुपालक से कहा कि इस वक्त जो भूसा खिला रहे हैं, उस भूसे को पहले दिन भिगोकर रखें फिर दूसरे दिन खिलाएं. इससे भी पशुपालक के मवेशियों को गर्मी में आराम मिलेगा.
साथ ही डॉक्टर राजीव कुमार ने पेट एनिमल डॉगी, बिल्ली को लेकर भी यही लक्षण बताए. उन्होंने कहा कि इस वक्त डॉगी व बिल्ली में खाना ना खाना, बुखार आना, डायरिया जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. डॉग्स और कैट में हाई टेंपरेचर की समस्या है. टेंपरेचर बढ़ने से डायरिया, वोमिटिंग जैसी समस्या से पेट एनिमल जूझ रहे हैं. उन्होंने पेट ऑनर से अपील की इस वक्त गर्मी का पारा बहुत बढ़ा हुआ है इसलिए ऐसे में पेट एनिमल्स को चिकन जैसे हार्ड फूड न खिलाएं. इससे उल्टी और दस्त की शिकायत बढ़ रही है. उन्होंने सॉफ्ट तरल पदार्थ खिलाने की सलाह दी. इसके साथ ही कोई समस्या होने पर उपचार के लिए अपने पेट्स को पशु चिकित्सालय लेकर जाएं.
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