देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है. मामले को अब दून अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है. साथ ही जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने पर हटाए गए डॉक्टर और वार्ड ब्वॉय: दरअसल, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल (दून अस्पताल) के एआरटी यानी एंट्री रेट्रोवायरल उपचार इकाई में तैनात एक डॉक्टर पर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के आरोप लगे हैं. इसमें एक वार्ड ब्वॉय के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से डॉक्टर और वार्ड ब्वॉय को हटाकर जांच शुरू कर दी है.
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. इस मामले को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डॉ. गीता जैन ने कहा कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाने के मामले पर अस्पताल प्रशासन सख्त रुख अख्तियार करेगा. ताकि, भविष्य में कोई फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बना पाए.
ऐसे हुआ फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का खुलासा: बता दें कि यह मामला तब खुला, जब एक मरीज का प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन के लिए वापस आया. उसके बाद जब मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच की गई तो पता चला कि यह सर्टिफिकेट एआरटी सेंटर में तैनात एक डॉक्टर ने बनाया है. इसके बाद मामला अस्पताल प्रबंधन के पास पहुंचा है. अब प्राचार्य का कहना है कि जांच के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उत्तरकाशी बस दुर्घटना में घायल लोगों का दून अस्पताल में चल रहा इलाज: वहीं, बीती रोज उत्तरकाशी जिले के मोरी के जखोल से देहरादून की ओर जा रही उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सुनकुंडी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस दुर्घटना में 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और 27 लोग सामान्य घायल हुए.
इनमें से 12 घायलों का इलाज दून अस्पताल में चल रहा है. दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर गीता जैन के मुताबिक, कुछ घायल लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. जबकि, कुछ लोगों को अस्पताल की हड्डी वार्ड में एडमिट किया गया है.
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