रुद्रप्रयाग: जिले में बिजली की घंटों कटौती से सभी लोग परेशान हैं. जहां बिजली व्यवयाय से जुड़े लोग बिजली की कटौती से दुखी हैं तो आगामी दिनों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे बच्चों को 21वीं सदी में लालटेन के सहारे पठन पाठन करना पड़ रहा है. इसके अलावा सरकारी कामकाज पर तो बिजली विभाग ने ब्रेक सा लगा दिया है. पहले ही विभागों में कामकाज को लेकर अधिकारी-कर्मचारियों में सुस्ती देखने को मिलती है. ऊपर से उन्हें घंटों बिजली गुल होने का बहाना सा मिल गया है. बिजली की कटौती से गृहणी भी खासी परेशान नजर आ रही हैं.
दरअसल, रुद्रप्रयाग जिले में घंटों तक बिजली का गुल रहना आम बात सी हो गई है. आए दिन बिजली विभाग की ओर से सुबह से लेकर देर शाम तक घंटों बिजली की कटौती की जाती है. ऐसे में स्कूली बच्चों से लेकर बिजली व्यापार से जुड़े व्यापारी एवं सरकारी कामकाज प्रभावित हो गए हैं. बिजली कटौती के कारण तहसीलों में दूरदराज से अपने जरूरी कागजातों के लिए पहुंच रही जनता को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, गणेश तिवाड़ी, विपिन सेमवाल ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में ही गरीब जनता को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. एशिया की सबसे बड़ी बिजली परियोजना उत्तराखंड के टिहरी जिले में होने के साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में काफी मात्रा में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के बाद भी बिजली की समस्या आना गरीब जनता के साथ धोखा है. उन्होंने कहा कि बिजली परियोजनाओं से मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों का अस्तित्व खतरे में हैं. बावजूद इसके यहां के लोगों को बिजली समस्या से जूझना पड़ रहा है.
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है. सरकारी कामकाजों पर बिजली कटौती का बुरा असर पड़ रहा है. बिजली व्यवसाय से जुड़े लोग घंटों तक बिजली आने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तहसीलों में भी बिजली गुल रहने से गरीब जनता को परेशान होना पड़ रहा है. उन्होंने बिजली विभाग से जल्द बिजली कटौती समस्या को खत्म करने की मांग की. अन्यथा बिजली विभाग के खिलाफ केदारघाटी की जनता कभी भी सड़कों में उतर सकती है.