देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर असंसदीय व्यवहार का मामला खूब छाया रहा. मंगलवार को सदन में हुई तू-तू मैं-मैं का मामला बुधवार को सदन में उठा. सत्ताधारी बीजेपी के विधायकों ने मामले पर कांग्रेस विधायक से माफी मांगने की मांग की. इसके बाद सदन में हंगामा हो गया. जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा की एथिक्स कमेटी को मामला रेफर कर दिया.
उत्तराखंड विधानसभा के भीतर विधायकों की आपसी तनातनी कोई नई बात नहीं है. ऐसी ही स्थिति विधानसभा में मंगलवार को भी देखने को मिली. इसके बाद सदन में हंगामा भी हुआ. बुधवार को इसी मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में भिड़ गए. सत्ता पक्ष के विधायकों ने असंसदीय व्यवहार की बात पर विपक्षी दल के विधायक से माफी मांगने की मांग कर डाली.
सदन की गरिमा का मुद्दा उठते ही हंगामा: दरअसल, बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष से विधायक रेनू बिष्ट, आशा नौटियाल ने सदन की गरिमा का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस विधायक से माफी मांगने की मांग की. यह बात सदन में आते ही हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मोर्चा संभालते हुए इस पर अपना विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया.
बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस के विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच गहमागहमी की स्थिति बन गई थी, जिसके चलते सदन में असहज स्थिति बनी थी. बुधवार को करीब 15 मिनट तक प्रश्नकाल में सदन की कार्यवाही हंगामे भरी दिखाई दी. इस मामले पर हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा अध्यक्ष को खड़े होकर सभी विधायकों को समझाना पड़ा. हालांकि, इसके बाद भी विधायक नहीं माने और विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को एथिक्स समिति को रेफर कर दिया.
गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के 15 विधायकों को किया गया था निलंबित: वैसे उत्तराखंड विधानसभा में ऐसी स्थिति होना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान कुछ इसी तरह के हालात बने थे. जिसके बाद कांग्रेस के 15 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन के लिए निलंबित कर दिया था. तब कांग्रेस के विधायकों पर नियमावली बुक फाड़ने और मेज पर चढ़कर अब अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगा था.
बीजेपी विधायक रेनू बिष्ट बोलीं- कांग्रेस विधायक ने नहीं मांगी माफी: इस मामले में विधानसभा सदन के भीतर मामला उठाने वाली बीजेपी विधायक रेनू बिष्ट ने कहा कि जिस तरह का व्यवहार सदन में कांग्रेस के विधायक की तरफ से किया गया, वो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यह संसदीय परंपराओं के खिलाफ था और इसलिए उनकी तरफ से यह मामला उठाया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस विधायक ने माफी नहीं मांगी.
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