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पेंच पार्क में बाघ-तेंदुआ का बढ़ रहा कुनबा, रहवासी इलाकों में तलाश रहे ठिकाना - TIGERS LEOPARDS INCREASE PENCH PARK

छिंदवाड़ा में चौरई क्षेत्र से लगे जंगलों के आसपास बाघ और तेंदुआ का मूवमेंट बढ़ा. इंसानों के इलाके में बना रहे डेरा.

TIGERS LEOPARDS INCREASE PENCH PARK
पेंच पार्क में बाघ-तेंदुआ का बढ़ रहा कुनबा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 6:05 PM IST

छिंदवाड़ा:पेंच नेशनल पार्क से लगे चौरई क्षेत्र के जंगल और अब रहवासी इलाकों तक वन्यप्राणियों की मौजूदगी बढ़ते जा रही है. ऐसा भी कहा जा सकता है कि चौरई का जंगल पेंच पार्क के वन्यप्राणियों के लिए आरामगाह बन गया है, जहां आसानी से उन्हें शिकार भी मिल जा रहा है. पिछले कुछ सालों में लगातार चौरई क्षेत्र से लगे जंगलों के आसपास बाघ और तेंदुआ का कुनबा बढ़ा है. नतीजतन ऐसे 10 से 12 स्पॉट वन विभाग ने चिन्हित किए हैं जहां इनका मूवमेंट होते रहता है.

7 बाघ और 10 तेंदुओं का डेरा

पेंच नेशनल पार्क का कुल कोर एरिया 411 वर्ग किलोमीटर है. जिसमें से 300 वर्ग किलोमीटर सिवनी और 111 वर्ग किलोमीटर छिंदवाड़ा जिले की सीमा में है. पेंच नेशनल पार्क के जंगल में साल दर साल वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ रही है. बाघ का अपना एक इलाका होता हैं, जहां वो शिकार करता है. जगह कम पड़ने पर वे पार्क को छोड़कर चौरई के जंगल तक पहुंच गए हैं. इस क्षेत्र में 7 बाघ और 10 से ज्यादा तेंदुए हैं. पार्क से निकलकर चौरई और चांद के जंगल में आ रहे वन्य प्राणी सुरक्षित नहीं हैं. हरदुआ में बाघ शावक के गिरने, तेंदुआ का शावक मिलने के अलावा, आमाझिरी, सिरस में भी तेंदुआ की कुएं में गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

बाघ और तेंदुओं की बढ़ रही संख्या (ETV Bharat)

जंगल छोड़ इंसानों के इलाके में बना रहे डेरा

इस क्षेत्र में बाघ और तेंदुए के अलावा दूसरे वन्य प्राणियों की बढ़ती संख्या क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता का विषय बन रही है. एक दिन पहले ही सांख नाले के पास बाघिन और उसके 2 शावकों ने चरवाहे पर हमला कर दिया था. इसके पहले ओरिया के पास भी चरवाहे को बाघ ने घायल किया था. पेंच नेशनल पार्क और चौरई के जंगल को पेंच नदी दो हिस्सों में बांटती है. पार्क में बाघ और तेंदुआ की संख्या बढ़ने से वे यहां से निकलकर अब नया क्षेत्र खोज रहे हैं. ऐसे में चौरई वन परिक्षेत्र के जंगलों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. सबसे ज्यादा वन्य प्राणी सांख सर्किल में है.

छिंदवाड़ा में चौरई के जंगलों में बढ़ा तेंदुओं का मूवमेंट (ETV Bharat)

चौरई में इन जगहों पर अक्सर देखे जाते हैं वन्यप्राणी

चौरई के चंदनवाड़ा के जंगल में नवेगांव नर्सरी में, बरेलीपार और तेंदनी के बीच, आमाझिरी बीट और सांख के ओरिया में कई तेंदुओं का मूवमेंट देखा जा रहा है. चौरई से लगे क्षेत्रों में अक्सर बाघों की मौजूदगी देखी जाती है. उनमें सांख में एक बाघिन और दो शावक, आमाझिरी में एक बाघ, सिमरिया गढखापा में एक बाघ और बाघिन चांद के गौहरगांव के पास एक बाघ का मूवमेंट बना हुआ है.

पिछले कुछ दिनों में बाघ का मूवमेंट और घटनाएं

12 जनवरी को पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में खमारपानी परिक्षेत्र में बुद्धिमान उईके मवेशी चराने गया था. इस दौरान बाघ ने उस पर हमला कर घायल कर दिया था. 26 दिसंबर को भी बाघ ने किसान पर हमला किया था. पूर्व वनमंडल अंतर्गत सिवनी रोड उमरिया ईसरा से लगे खेत में 60 वर्षीय किसान गहू उईके मवेशी चराने गया था, इसी दौरान झाड़ियों के पीछे घात लगाकर बैठे बाघ ने हमला कर दिया था.

पेंच नेशनल पार्क (ETV Bharat)

'अब बफर क्षेत्र की जरूरत'

वन्य प्राणी जंगल से निकलकर आबादी तक आ रहे हैं. चौरई नगर से 3 किलोमीटर तक बाघ और तेंदुआ आ चुके हैं.पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रघुवंशी का कहना है कि "उनका गांव नेशनल पार्क के बफर जोन से लगा है. कुछ दिन पहले ही उनके ही गन्ने के खेत में तेंदुए ने शावक को जन्म दिया था. आने वाले समय में वन्य प्राणियों की आमद नगर के और करीब हो जाएगी. इससे पहले वन विभाग को पेंच पार्क का क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे वन्य प्राणियों को पर्याप्त जगह मिल सके."

साल 2023-24 में वन्यप्राणियों का मूवमेंट

डीएफओ एलके वासनिक ने बताया कि "साल 2023-24 में बाघ के हमले में एक की मौत हुई तो एक घायल हो गया. तेंदुए के हमले में भी एक की मौत और एक घायल हुआ. भालू, जंगली सुअर, सियार के हमलों की 26 घटनाएं हुईं. इनमें कई लोग घायल हुए तो 2 लोगों की मौत हो गई. पशुओं को घायल और मारने की बात करें तो बाघ ने 148 और तेंदुए ने 539 पशुओं को अपना शिकार बनाया."

'मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह'

डीएफओ एलके वासनिकने बताया कि "पेंच टाइगर रिजर्व से लगे गांव के आसपास जंगली जानवरों का मूवमेंट हमेशा बना रहता है. इसके लिए वन विभाग के द्वारा समय-समय पर मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही वन विभाग के कर्मचारी लगातार गश्त करते हैं ताकि वन प्राणियों के मूवमेंट का पता चल सके और उनका समुचित रूप से रेस्क्यू कर उन्हें उनके निर्धारित स्थान पर पहुंचाया जा सके. अगर वन्य प्राणियों के द्वारा कोई घटना या शिकार को अंजाम दिया जाता है तो संबंधित व्यक्ति को निर्धारित मुआवजा भी सरकार द्वारा दिया जाता है."

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