श्रीनगरःपौड़ी जिले के विकासखंड नैनीडांडा के प्रभारी चिकित्साधिकारी को पीएचसी धुमाकोट में सेवारत डॉक्टर के दो माह से लापता होने की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं देना भारी पड़ गया है. मुख्य चिकित्साधिकारी पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने तत्काल प्रभाव से प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्रभार वापस ले लिया है. साथ ही मामले में स्पष्टीकरण तलब कर जल्द संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है.
ये है पूरा मामलाः विकासखंड नैनीडांडा के देवलधर गांव निवासी गिरधर रावत का 24 वर्षीय बेटा अमित रावत कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. बीते 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई थी. ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किमी की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए थे. जहां से 108 के माध्यम से अमित को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए थे.
लेकिन डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए. यहां भी डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया. वहां सीटी स्कैन किए जाने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां भी डॉक्टरों ने न्यूरो फिजिशियन नहीं होने का हवाला देते हुए उसे दिल्ली रेफर कर दिया था. लेकिन दिल्ली जाते समय रास्ते में अमित ने दमतोड़ दिया था.