शिमला: हिमाचल में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों को लेकर अब लोगों की दिक्कतें और बढ़ने वाली हैं. शिमला में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के बीच दो घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता विफल हो गई है. ऐसे में अब पटवारियों और कानूनगो महासंघ ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.
वहीं, अगर इस दौरान पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई की जाती है तो महासंघ ने उसी वक्त अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दिया है.
सरकार ने भी पटवारियों और कानूनगो का जिला से स्टेट कैडर में बदले जाने के फैसले को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है. यह जानकारी खुद राजस्व मंत्री ने दी है. मंत्री ने कहा "संघ ने बैठक में स्टेट कैडर को लेकर असहमति जाहिर की है. सरकार ने जनहित को लेकर स्टेट कैडर का फैसला लिया है जबकि पटवारी और कानूनगो संघ स्टेट कैडर को लेकर कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाया है. ऐसे में सरकार संघ के ना मानने पर नियमों के तहत कार्रवाई करेगी."
राजस्व मंत्री ने कहा"सरकार पर पटवारी और कानूनगो संघ तानाशाही का आरोप लगा रहा है जबकि पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन व सिनियोरिटी पर इसका असर नहीं पड़ेगा. संघ बेवजह के तर्क दे रहा जिन्हें माना नहीं जा सकता." जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा "अगर किन्नौर के किसी राजस्व कर्मचारी की बदली ऊना के लिए हो जाती है तो संघ का कहना है कि संबंधित कर्मचारी वहां के रीति-रिवाज से अनजान होगा. इस तरह के तर्कों को नहीं माना जा सकता."