बिहार

bihar

ETV Bharat / state

10 साल की उम्र में देश-विदेश से जीते 20 मेडल, नन्हे कराटे उस्ताद का ओलंपिक खेलने का है सपना - karate Kid - KARATE KID

पटना के 10 वर्षीय प्रीत गंधर्व कराटे में अपनी उम्र से दोगुने मेडल जीत चुके हैं. प्रीत के पास राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 20 मेडल हैं. नन्हें बालक ने अब तक दो अंतरराष्ट्रीय दौरे किए हैं और पांच अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में शामिल हुए हैं और सभी में मेडल हासिल किए हैं.

मेडल के नन्हें उस्ताद
मेडल के नन्हें उस्ताद (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 2, 2024, 10:57 PM IST

मेडल के नन्हे उस्ताद (ETV Bharat)

पटना: बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है निखारने की. प्रीत गंधर्व ऐसे उभरते कराटेबाज खिलाड़ी हैं जिनका लक्ष्य 10 साल की उम्र में ही फिक्स हो गया है. ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतना इनका ध्येय है. ऐसे में प्रीत गंधर्व ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साल 2022 में 8 वर्ष की उम्र में कराटा सीखना शुरू किया. परिवार वालों ने ट्रेनिंग दिलवानी शुरू की और उसके बाद अब वह जहां जाते हैं मेडल लाते हैं.

कराटे के अलावा पढ़ने का है शौक : प्रीत ने बताया कि हाल ही में 8th इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप का आयोजन कोलकाता में हुआ था जिसमें उसने गोल्ड जीता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसने चार गोल और एक सिल्वर पदक जीता है. राष्ट्रीय स्तर पर 7 पदक है और बाकी राज्य स्तरीय पदक है.

''मुझे देश और विदेश में कई मेडल मिले हैं. मैं सपना ओलंपिक खेलने का है ताकि देश का नाम रोशन कर सकूं. अभी मेरा फोकस थाई कप कराटे चैंपियनशिप पर है. उसके लिए तैयारी चल रही है.''- प्रीत गंधर्व, कराटे खिलाड़ी

खाली समय में पढ़ाई करते हैं प्रीत : प्रीत ने बताया कि कराटे के अलावा खाली समय में वह पढ़ाई करता है. उसे किताबें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और केंद्रीय विद्यालय में वह पांचवी कक्षा में पढ़ाई करता है. जब भी मेडल लेकर आता है तो स्कूल में भी उसे प्रिंसिपल प्रोत्साहित करते हैं. पढ़ने के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं.

पिता कहते हैं गोल्ड लाओ : प्रीत गंधर्व ने बताया कि उसके पिता उसे काफी प्रमोट करते हैं और जब भी टूर्नामेंट खेलने बाहर जाते हैं तो कहते हैं गोल्ड लेकर आओ जो मांगोगे मिलेगा. कराटे की प्रैक्टिस में कई बार चोट भी लगती है लेकिन यह चोट उसे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है.

गुरु ने प्रीत को निखारा : उसके कराटे के गुरु उसे बेहतर सीखाते हैं, और यही परिणाम है कि आज इतने मेडल हाथों में है. प्रीत ने बताया कि कभी-कभी शाम में खाली समय में वह गाने भी सुनता है. स्कूल में दोस्तों के साथ खेलकूद करना भी अच्छा लगता है लेकिन सबसे अच्छा लगता है कराटे टूर्नामेंट में मेडल जीतना.

बैंकॉक चैंपियनशिप की तैयारी : प्रीत के गुरु गौतम कुमार ने बताया कि 2 साल पहले जब प्रीत कराटा सिखाने आया तो कुछ ही दिनों में पता चल गया कि इस लड़के में बहुत खूबी है. हाथ पांव के मूवमेंट बहुत शानदार थे और सीखने की क्षमता उतनी ही तेज है.

''प्रीत कराटे में B-4 लेवल तक चला गया है. एक इंटरनेशनल टूर्नामेंट हाल में कोलकाता से जीतकर पटना आया है और अब अक्टूबर में होने वाले ओपन थाई कप कराटे चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दी है. बैंकॉक में यह टूर्नामेंट होगा और इसके सिलेक्शन के लिए तैयारी शुरू है.''- गौतम कुमार, प्रीत के कोच

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details