पटना: बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है निखारने की. प्रीत गंधर्व ऐसे उभरते कराटेबाज खिलाड़ी हैं जिनका लक्ष्य 10 साल की उम्र में ही फिक्स हो गया है. ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतना इनका ध्येय है. ऐसे में प्रीत गंधर्व ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि साल 2022 में 8 वर्ष की उम्र में कराटा सीखना शुरू किया. परिवार वालों ने ट्रेनिंग दिलवानी शुरू की और उसके बाद अब वह जहां जाते हैं मेडल लाते हैं.
कराटे के अलावा पढ़ने का है शौक : प्रीत ने बताया कि हाल ही में 8th इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप का आयोजन कोलकाता में हुआ था जिसमें उसने गोल्ड जीता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसने चार गोल और एक सिल्वर पदक जीता है. राष्ट्रीय स्तर पर 7 पदक है और बाकी राज्य स्तरीय पदक है.
''मुझे देश और विदेश में कई मेडल मिले हैं. मैं सपना ओलंपिक खेलने का है ताकि देश का नाम रोशन कर सकूं. अभी मेरा फोकस थाई कप कराटे चैंपियनशिप पर है. उसके लिए तैयारी चल रही है.''- प्रीत गंधर्व, कराटे खिलाड़ी
खाली समय में पढ़ाई करते हैं प्रीत : प्रीत ने बताया कि कराटे के अलावा खाली समय में वह पढ़ाई करता है. उसे किताबें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और केंद्रीय विद्यालय में वह पांचवी कक्षा में पढ़ाई करता है. जब भी मेडल लेकर आता है तो स्कूल में भी उसे प्रिंसिपल प्रोत्साहित करते हैं. पढ़ने के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं.