पटनाः अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 2 से 4 दिनों में मॉनसून की बूंदों की बौछार बिहार वासियों के लिए राहत का संदेश लेकर आएगी. पटना वासियों को भी मॉनसून का इंतजार है लेकिन उन्हें इस बात की आशंका है कि राहत की ये बारिश जलजमाव के कारण कहीं आफत न बन जाए. वैसे पटना नगर निगम का दावा है कि इस बार पटना में जलजमाव नहीं होने देंगे और 2019 वाले हालात नहीं पैदा होंगे.
95 फीसदी नालों की सफाई पूरीः पटना नगर निगम की तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने बताया कि "मॉनसून के समय जलजमाव से निपटने के लिए सभी तैयारी कर ली गई हैं. शहर के जो 9 बड़े नाले हैं- सैदपुर नाला, योगीपुर नाला, मंदिरी नाला, आनंदपुरी नाला, कुर्जी नाला, बाकरगंज नाला, सरपेंटाइन नाला, बाईपास नाला नूतन राजधानी अंचल और बाईपास नाला कंकड़बाग अंचल, सभी की जून महीने की शुरुआत तक ही साफ सफाई करा ली गई है."
'15 जून के बाद नालों पर काम बंद हो जाएगा.': अनिमेष पाराशर ने बताया कि " मॉनसून अवधि के दौरान नाले में पानी के अवरोध के कारण जल निकासी में दिक्कत न हो इसके लिए जितने भी नालों पर काम हो रहा है, वो काम 15 जून से बंद हो जाएगा. नाले के बेड का काम पूरी तरीके से बंद रहेगा. नाले की साइड वॉल को बनाने और रिपेयरिंग का काम जारी रहेगा."
"मंदिरी नाला पर सड़क निर्माण के कारण जो पानी का अवरोध है उसे 15 जून को रात तक खोल दिया जाएगा. साइड वॉल का काम जारी रहेगा. वही गांधी मैदान क्षेत्र में दक्षिणी छोर पर नाले निर्माण का काम जारी है जिसे बुडको ने 18 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इससे दक्षिणी छोर का पानी बाकरगंज नाले में आसानी से चला जाएगा." -अनिमेष पाराशर, आयुक्त, पटना नगर निगम
कई जगहों पर लगाए गये अस्थायी मोटर पंपःनगर आयुक्त ने बताया कि "रामगुलाम चौक के पास जल जमाव को रोकने के लिए गांधी मैदान के दक्षिणी छोर पर अस्थायी मोटर पंप भी लगाया गया है. इसके अलावा उत्तरी छोर पर नए नाले का निर्माण हो गया है, जिसकी कनेक्टिविटी बाकरगंज नाले से है. इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में भी अस्थायी मोटर पंप लगाए गए हैं.विधानसभा परिसर में जल निकासी के लिए एक छोटा कुआं भी तैयार किया गया है."