बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना के गोविंदपुर में 9 डिसमिल जमीन को लेकर बवाल, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हिंदुओं को घर खाली करने के लिए भेजे 6 नोटिस - WAQF BOARD LAND

DISPUTE OVER NINE DECIMAL LAND: पटना के फतुहा थाना के गोविंदपुर में 9 डिसमिल जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा है कि ये जमीन उनकी है और इस पर 6 परिवारों का अवैध कब्जा है. इसको लेकर वक्फ बोर्ड इन परिवारों को घर खाली करने के लिए अब तक 6 नोटिस भी भेज चुका है. पढ़िये पूरी खबर,

जमीन पर वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा
जमीन पर वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 25, 2024, 9:24 PM IST

पटनाःवक्फ बोर्ड का मुद्दा इस समय पूरे हिंदुस्तान की सियासत का बड़ा मुद्दा बना हुआ है. केंद्र के वक्फ संशोधन बिल को लेकर जहां पूरे देश में सियासत हो रही है वही इससे जुड़े कई नये विवाद भी सामने आ रहे हैं. पटना जिले के गोविंदपुर में भी 9 डिसमिल जमीन को लेकर बवाल खड़ा हो गया है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ठोका जमीन पर दावाः गोविंदपुर के जिस 9 डिसमिल जमीन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है उस जमीन पर तीन तीन हिंदू और तीन मुस्लिम परिवारों का कब्जा है. अब उस जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा ठोकते हुए जिलाधिकारी के जरिये जमीन खाली करने के 6 नोटिस भेजवा चुका है.

बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया मामलाः जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे और लोगों को नोटिस भेजने के बाद इस मामले को बीजेपी नेताओं ने जोर-शोर से उठाया. बीजेपी सांसद संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बिहार सरकार के मंत्री विजय सिन्हा ने गोविंदपुर का दौरा कर मामले को हाई प्रोफाइल बना दिया है. बीजेपी नेता नोटिस की वैधानिकता पर सवाल खड़े कर रहे हैं और बोर्ड की कार्रवाई पर हमलावर हैं.

"वक्फ बोर्ड जमीन को 1969 की जमीन बता रहा है. दरअसल साजिश के तहत सुन्नी वक्फ बोर्ड उस जमीन को 1969 में लिया दिखा रहा है. बोर्ड अपने मोतवल्ली के सहारे जमीन कब्जा करने का काम कर रहा है.मोतवल्ली ने 2021 में उसे जमीन को अपने नाम से कराया. सुन्नी वक्फ बोर्ड साजिशकर्ता है."-संजय जायसवाल, बीजेपी सांसद

'जमीन हमारी है':इस पूरे मामले पर बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि बोर्ड किसी निजी जमीन पर कब्जा नहीं करता है. 9 डिसमिल जमीन पर वहां 6 लोगों ने कब्जा जमा रखा है. जिसमें तीन मुस्लिम समुदाय के हैं और तीन हिंदू समुदाय के हैं. हम लोगों की ओर से 6 नोटिस भेजे गए हैं.

"हमारा काम बोर्ड की संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराना है.अगर उन्हें नोटिस पर कोई आपत्ति है तो न्यायालय जाना चाहिए. वह लोग पटना उच्च न्यायालय गए थे लेकिन उच्च न्यायालय ने निचली अदालत में जाने को कहा.उसके बाद से मामले को राजनीतिक रंग दिया जाने लगा"-इरशादुल्लाह, अध्यक्ष, सुन्नी वक्फ बोर्ड, बिहार

'बेवजह किया जा रहा है परेशान':गोविंदपुर की जिस 9 डिसमिल जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड दावा ठोक रहा है उस पर कब्जाधारी ग्रामीणों का कहना है कि ये खतियानी जमीन है और हमारे पास इस बात के पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं कि जमीन हमारी है. हमलोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है.

'अगर गड़बड़ी है तो कोर्ट जाएं': वहीं इस मुद्दे पर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके मोहम्मद इरशाद का कहना है कि विवाद पर हाय तौबा मचाने का कोई मतलब नहीं है.जिसके पास कागजात होंगे. जमीन उसकी होगी.बोर्ड बगैर दान पत्र के किसी जमीन पर दावा नहीं करता है.

"अगर कोई गड़बड़ी है तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए. जहां तक सरकारी जमीन पर कब्जे का सवाल है तो सरकार भी जमीन का उपयोग जन कल्याण में ही करती है."-मोहम्मद इरशाद, पूर्व अध्यक्ष, शिया वक्फ बोर्ड, बिहार

वक्फ बोर्ड के पास अकूत संपत्तिः बिहार में वक्फ बोर्ड के पास अकूत संपत्ति है. राज्य के अंदर दो वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं-शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड. सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास लगभग 5000 एकड़ जमीन है तो शिया वक्फ बोर्ड के पास तकरीबन 25000 बीघा जमीन है.

वक्फ बोर्ड की संपत्ति के 30 फीसदी पर कब्जा !:वक्फ बोर्ड के दावों के मुताबिक बोर्ड की संपत्ति के 30 फीसदी हिस्से पर भू-माफिया या फिर सरकार का कब्जा है. राजधानी पटना में भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर सरकार का बड़े पैमाने पर कब्जा है. मिसाल के तौर पर सुलतानगंज थाना दरगाह स्टेट की जमीन पर है तो कोतवाली थाना भी वक्फ बोर्ड की जमीन पर है. इसके अलावा पीरबहोर थाना और जिलाधिकारी आवास भी वक्फ बोर्ड की जमीन पर हैं.

फ्रेजर रोड की 17 बीघा जमीन पर अवैध कब्जाः इसके अलावा बड़े पैमाने पर भू-माफिया ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कब्जा जमा रखा है. राजधानी पटना के बीचोंबीच फ्रेजर रोड की 17 बीघा जमीन पर ऐसा ही अवैध कब्जा है. इस मामले में तो सुप्रीम कोर्ट भी वक्फ बोर्ड के पक्ष में फैसला सुना चुका है.

'कब्जे से मुक्त होनी चाहिए जमीन':पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर फिरोज मंसूरी का कहना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाना चाहिए लेकिन ज्यादातर हिस्सों पर या तो भू-माफिया ने कब्जा जमा रखा है या फिर सरकार उसका उपयोग कर रही है.

"यह कहीं से उचित नहीं है.बोर्ड की संपत्ति पर पहला अधिकार गरीब और पसमांदा मुसलमानों का है. धार्मिक संगठनों के ठेकेदारों ने भी वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा जमा रखा है. बोर्ड की संपत्ति को कब्जे से मुक्त कराया जाना चाहिए."-डॉ. फिरोज मंसूरी, राष्ट्रीय संयोजक, पसमांदा मुस्लिम समाज

बेची नहीं जा सकती है बोर्ड की संपत्तिःयहां एक बात बता दें कि नियमों के मुताबिक वक्फ बोर्ड की संपत्ति बेची नहीं जा सकती है.वक्फ बोर्ड की संपत्ति को अधिक से अधिक मोतवल्ली के माध्यम से 30 साल के लिए दिया जा सकता है.इस दौरान संपत्ति का उपयोग करने वालों को बाजार मूल्य के अनुसार किराया वक्फ बोर्ड को देना होता है. ज्यादातर मामलों में सरकार या फिर लोगों ने 50 साल या उससे अधिक समय से कब्जा जमा रखा है और बोर्ड को किराया भी नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंःबिहार में गांव की जमीन पर सुन्नी वक्फ ने बोर्ड लगाकर ठोका दावा, लिखा- 'ये संपत्ति हमारी है, 30 दिन में खाली करो' - Bihar State Sunni Waqf Board

मॉरीशस और बहरीन जैसे 45 देशों के क्षेत्रफल से ज्यादा वक्फ की संपत्ति, जानें किस लिए होता प्रॉपर्टी का इस्तेमाल? - Waqf property

ABOUT THE AUTHOR

...view details