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पटना सिविल कोर्ट के अधिवक्ता शनिवार से लौटेंगे काम पर, वकीलों के लिए उचित व्यवस्था करने को दिया एक सप्ताह का समय

Patna Civil Court Transformer Blast : पटना सिविल कोर्ट परिसर में बुधवार 13 मार्च को ट्रांसफर्मर ब्लास्ट कर गया था. हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गये थे. हादसे के बाद वकीलों ने मौके पर जमकर हंगामा किया था, इसके बाद न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखा. अव आदोलनरत वकीलों ने काम पर लौटने का निर्णय लिया है. पढ़ें, विस्तार से.

पटना सिविल कोर्ट
पटना सिविल कोर्ट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 15, 2024, 6:25 PM IST

पटना सिविल कोर्ट.

पटनाः राजधानी पटना स्थित सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को वापस लेने की घोषणा की है. शनिवार सुबह से सभी अधिवक्ता पहले की तरह न्यायिक काम करेंगे. बता दें कि बुधवार 13 मार्च को पटना सिविल कोर्ट परिसर में ट्रांसफर्मर ब्लास्ट हुआ, जिसमें अधिवक्ता देवेन्द्र प्रसाद सिंह की मौत हो गयी थी. कई लोग गंभीर रूप से झुलस गये थे. इसी घटना के विरोध में अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया था.

लोगों को हुई परेशानीः वकीलों के कार्य बहिष्कार से आज शुक्रवार 15 मार्च को अमलोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. आज भी पूरे दिन काम काज ठप रहा. पटना सिविल कोर्ट खुला, लेकिन अधिवक्ताओं ने न्यायिक काम काज से खुद को दूर रखा. जिसके चलते जिला जज के यहां कई महत्वपूर्ण केस पर सुनवाई और कार्यवाही नहीं हो सकी. अधिवक्ताओं ने कहा कि लोगों की परेशानी को देखते हुए अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया है.

क्या है मामला: पटना सिविल कोर्ट में 13 मार्च को अचानक ट्रांसफार्मर विस्फोट कर गया था. इस घटना में एक वकील की झुलसने से मौत हो गई थी. जबकि गंभीर रूप से घायल बिट्टू कुमार मुंशी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. इसके अलावा चार से पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गये थे. इस घटना के विरोध में वकीलों ने कामकाज ठप कर दिया था. उनका कहना था कि कोर्ट परिसर में वकीलों के बैठने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है.

क्यों वापस लिया गया बंद: अधिवक्ता ऋषिकेश नारायण सिन्हा और अधिवक्ता विनय कुमार ने बताया कि बार काउंसिल को अधिवक्ताओं की परिसर में बैठने की परेशानी से अवगत कराया गया है. साथ ही साथ एक सप्ताह तक का समाधान कराने के लिए अल्टीमेटम दिया गया है. अगर वकीलों को बैठने की व्यवस्था नहीं की जाती है, तो आंदोलन को एक सप्ताह के बाद और तेज कर दिया जाएगा. बहरहाल लोगों की परेशानी को देखते हुए अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया है.

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