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कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक 3 लाख घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, पटना में निगरानी विभाग का बड़ा एक्शन - Patna Agriculture Department

Vigilance Raid In Patna : पटना में निगरानी के एक्शन से हड़कंप मच गया. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के साथ दो अधिकारी को घूस लेते रंगे हाथ दबोचा गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

कृषि विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी गिरफ्तार
कृषि विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी गिरफ्तार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 25, 2024, 3:17 PM IST

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गिरफ्तार (ETV Bharat)

पटना :बिहार की राजधानी पटना में निगरानी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. कृषि भवन में निगरानी की यह कार्रवाई हुई है. जिसमें कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के साथ दो लोगों को रंगे हाथ घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है. निगरानी के इस एक्शन से कृषि विभाग में हलचल मच गई.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गिरफ्तार : जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (पटना प्रमंडल) विभू विद्यार्थी एवं प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार को तीन लाख रुपया रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा गया है. यह कार्रवाई मीठापुर स्थित कृषि भवन में की गई है. बताया जा रहा है कि, निगरानी ने दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. पटना में पहली बार किसी कृषि अधिकारी को तीन लाख रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

रुपये गिनते निगरानी अधिकारी (ETV Bharat)

शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई : अब तक मिली जानकारी के अनुसार, खाद बीज के दुकानदार से लाइसेंस मुहैया कराने के बदले रुपये की मांग की गई थी. इसकी शिकायत दुकानदार ने निगरानी विभाग में की. शिकायत के आधार पर मीठापुर स्थित कृषि विभाग में छापेमारी की. इसके बाद दोनों को दबोच लिया गया.

क्या बोले निगरानी अधिकारी : पटना निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि निगरानी विभाग के द्वारा गुरुवार को कार्रवाई की गई है. जिसमें कृषि विभाग के पटना प्रमंडल के संयुक्त निदेशक विभु विद्यार्थी एवं प्रधान लिपिक सतनारायण कुमार जिनका वर्तमान पदस्थापन भोजपुर है, पटना में प्रतिनियुक्ति पर हैं को गिरफ्तार किया गया है.

अपने कार्यालय में विभू विद्यार्थी (ETV Bharat)

''फरियादी नीरज कुमार के द्वारा जिनका कृषि फार्म पटना सिटी के आसपास है. उनके फार्म के संबंध में स्पष्टीकरण की मांग की गई थी और उसे रफा दफा करने के नाम पर नीरज कुमार से 3 लाख की रिश्वत मांग की गई थी. वही रिश्वत के तीन लाख रूपए लेते हुए रंगे हाथ निगरानी टीम के द्वारा गिरफ्तार किया गया है.''- पवन कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना

पहले भी सरकारी कर्मी पर हुआ है एक्शन :यह पहला मामला नहीं है. इससे पहली भी राज्य के कई जिलों में निगरानी की रेड हुई है. जिसमें कई सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. बावजूद इसके लोग नजराना लेने से बाज नहीं आ रहे हैं.

प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार (ETV Bharat)

विपक्ष लगातार लगा रहा है आरोप : यहां यह बताना भी जरूरी है कि विपक्ष के नेता हमेशा यह आरोप लगाते हैं कि बिहार के सरकारी अधिकारी बिना नजराना (घूस) लिए काम नहीं करते हैं. सरकार को इसपर लगाम लगाने की आवश्यक्ता है.

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