पटना: लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्षपशुपति पारस ने बगावती तेवर अपना लिए थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए हाजीपुर से चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. लेकिन महज 15 दिनों के अंदर पारस के तेवर नरम पड़ गए और उन्होंने परिस्थितियों से समझौता करते हुए कहा कि मेरा पूरा समर्थन नरेंद्र मोदी के साथ है और रहेगा.
चाचा पारस ने दी भतीजे चिराग को बधाई: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए हाजीपुर के सांसद चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं दी हैं. हालांकि इससे पहले चिराग पासवान ने साफ संकेत दे दिए थे कि वे किसी भी हाल में पशुपति पारस से समझौता नहीं करेंगे.
पारस और चिराग के रिश्तों में तल्खी:दरअसल रामविलास पासवान के निधन के बाद उत्तराधिकारी को लेकर छिड़ी जंग के कारण लोजपा दो हिस्सों में बंट गई थी. चिराग की पार्टी और सांसदों को तोड़कर पारस ने अपने साथ मिला लिया था. इसके बाद से चाचा और भतीजे के रिश्तों में तल्खी काफी बढ़ गई थी. लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारा हुआ और पारस को साइड लाइन कर दिया गया. बिहार की पांच सीट चिराग पासवान को दे दी गई.