मेरठ: जिले में स्थित चर्चित कोचिंग सेंटर अचानक बंद होने से अभिभावकों ने एसएसपी कार्यालय पहुंच कर विरोध जताया. अभिभावकों ने एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से मुलाकात कर कोचिंग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. अभिभावकों ने कहा कि फिटजी ने अचानक बिना किसी प्री इंफारमेशन के सेंटर बन्द कर दिया है. जिसके कारण स्टूडेंट्स की पढ़ाई बीच में रुक गई है. इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के नाम पर दो साल की एडवांस फीस लेकर संस्थान ने अचानक सेंटर बंद कर दिया. एसएसपी ने सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिविल लाइंस को पूरे मामले की जांच के लिए कहा है.
अभिभावकों का कहना है कि 3 दिन पहले कोचिंग सेंटर बंद कर दिया गया. ये भी नहीं बताया नहीं जा रहा कि सेंटर कब खुलेगा, खुलेगा भी या नहीं. हमारे बच्चों की पढ़ाई बीच में ही अटक गई. बच्चे डिप्रेशन में हैं, उनका पेपर है उनका पूरा करियर बीच मजधार में है. अभिभावकों का कहना है कि 5 दिन पहले सेंटर के 11 टीचर्स ने सेंटर छोड़ दिया है. सारे टीचर दूसरे इंस्टीट्यूट में चले गए हैं. 400 से ज्यादा बच्चों से 2 साल की एडवांस फीस जमा कराई गई है. 6 लाख से ज्यादा प्रति बच्चे हिसाब से करोड़ों रुपया एडवांस में जमा कराया गया है.
एसएसपी कार्यालय पर विरोध जताते अभिभावक. (Video Credit; ETV Bharat) अभिभावकों का कहना है कि दूसरे संस्थान में गए टीचर फोन करके कह रहे हैं कि अपने बच्चों को मेरे इंस्टीट्यूट में ज्वाइन करा दो, यहां पढ़ाई करा देंगे, कोर्स कंप्लीट करा देंगे. जबकि हम तो दो साल की एडवांस फीस दे चुके हैं, अब उसका क्या होगा. संस्थान ने हमारे साथ धोखा किया है. पेरेंट्स ने मेरठ सेंटर हेड गौरव शर्मा, प्रशांत शर्मा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इसके साथ ही संस्थान के निदेशक डीके गोयल पर एक्शन लेने की मांग की है.
अभिभावकों ने एसएसपी से मांग की है कि किसी भी कोचिंग में सालभर की एडवांस फीस न ली जाए. जो फीस कोचिंग सेंटर एडवांस ले उसे प्रशासनिक कोष में जमा कराया जाए, ताकि उस पैसे से कोचिंग इंस्टीट्यूट के टीचर्स को समय पर सैलरी मिलती रहे. अगर समाधान नहीं हुआ तो लीगल एक्शन लेंगे. एसएसपी का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिविल लाइंस को पूरे मामले की जांच के लिए निर्देश दिया गया है. एक टीम सेंटर के संस्थापक से भी बात करने के लिये बनाई जायेगी.
थाना मेडिकल प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि बातचीत की जा रही है. छात्रों के परिजनों के कहने पर तहरीर ले ली गई है. इस पूरे मामले में दूसरा पहलू ये भी निकल कर सामने आ रहा है कि कर्मचारियों का वेतन न मिलने पर इस पूरे प्रकरण को बनाया गया है. अभी जांच की जा रही है.
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