गया:बिहार सरकार शिक्षा विभाग पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर रही है. एक तरफ जहां स्कूलों के भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ विद्यालयों में शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है. ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके. लेकिन इन सबके बावजूद विद्यालयों की स्थिति कुछ और ही दास्तां बयां कर रही है.
गया के सरकारी स्कूल का हाल: गया जिले के अतरी प्रखंड का उत्क्रमित उच्च विद्यालय नरावट बदहाली का शिकार है. विद्यालय का भवन तो जर्जर है ही, यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी मनमानी तरीके से आते-जाते रहते हैं. इसे लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है.
'स्कूल मेंमास्टर जी सेंकते हैं धूप':नरावट गांव निवासी अरुण कुमार ने बताया कि इन दिनों ठंड का मौसम है. ऐसे में यहां पढ़ाने वाले शिक्षक कुर्सी के सामने एक और कुर्सी रखकर टांग फैलाकर धूप का आनंद लेते हैं और बच्चे जैसे-तैसे खेलते रहते हैं.
"विद्यालय का भवन भी जर्जर है. शौचालय तो बना लेकिन वह इस्तेमाल में नहीं है. ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही शौचालय में दरवाजा लगा है. बच्चे शौच के लिए नदी किनारे जाते हैं. कई बार तो बच्चे डूबते डूबते बचे हैं. इतना ही नहीं मध्यान भोजन भी मनमानी तरीके से दिया जाता है."-अरुण कुमार, अभिभावक
'बीओ और डीईओ से भी की गई शिकायत': उन्होंने आगे कहा कि रजिस्टर पर बच्चों की उपस्थिति अधिक दिखाई जाती है, जबकि यहां काफी कम बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. प्राचार्य मनमानी करने पर उतारू हैं. कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन उन्होंने हमेशा अनदेखी की. यहां तक की इसकी शिकायत बीओ और जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी की गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.