पूर्णिया : बिहार में पूर्णिया लोकसभा सीट की लड़ाई सबसे रोचक हो गई है. पप्पू यादव भी यहां से ताल ठोंक रहे है. निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को सिंबल अलॉट कर दिया गया है. पप्पू यादव को निर्वाचन आयोग की तरफ से कैंची सिंबल दिया गया है.
पप्पू यादव को मिला 'कैंची' :सिंबल मिलने के बाद पप्पू यादव ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीन पोस्ट किया है. अपने पहले पोस्ट में पप्पू यादव ने लिखा "पूर्णिया के सम्मान में पप्पू मैदान में, अहंकार टूटेगा पूर्णिया जीतेगा". वहीं दूसरी पोस्ट में लिखा, "पूर्णिया के जनता की आवाज, नंबर 6 कैंची छाप". तीसरे पोस्ट में लिखा, ''तारीख 26 नंबर 6, पूर्णिया की होगी जय, चलेगी कैंची नफरत को काटेंगे, मोहब्बत जीतेगा, दूर करेंगे पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के विकास की बाधा.''
पूर्णिया में मुकाबला हुआ दिलचस्प : बता दें कि 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पूर्णिया में चुनाव होगा. इस बाबत आज पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के लिए नामांकन वापसी का आखिरी दिन था. पप्पू यादव पर नामांकन वापस लेने के लिए कांग्रेस की तरफ से काफी दबाव डाला गया, लेकिन उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया. मतलब साफ है कि पूर्णिया में त्रिकोणीय मुकाबला होगा. एक तरफ जहां NDA के संतोष कुशवाहा हैं तो वहीं RJD से बीमा भारती मैदान में हैं. इन सबको टक्कर देने के लिए पप्पू यादव भी जी-तोड़ मनेहनत कर रहे हैं.
पूर्णिया सीट पर विवाद : दरअसल, पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे. इसको लेकर पिछले 2 वर्ष से वह लगातार पूर्णिया में कैंप किए हुए थे. उन्होंने प्रणाम पूर्णिया यात्रा भी निकली. चुनाव लड़ने को लेकर ही उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की और उसके बाद अगले दिन दिल्ली में अपनी पार्टी (जाप) का कांग्रेस में विलय किया. लेकिन अचानक आरजेडी ने जेडीयू विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से अपना प्रत्याशी बनाया. इसी को लेकर कांग्रेस और आरजेडी में विवाद भी बढ़ा. अंत में कांग्रेस को झुकना पड़ा और पूर्णिया सीट आरजेडी को देनी पड़ी.
पप्पू यादव पर कांग्रेस आलाकमान लेगी एक्शन? :पप्पू यादव कांग्रेस पार्टी के निर्णय के खिलाफ पूर्णिया सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया. आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन है, लेकिन पप्पू यादव ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया. पप्पू यादव के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कुछ दिन पहले साफ कर दिया था कि नामांकन के वापसी के दिन तक पार्टी इंतजार करेगी. इसके बाद पार्टी आला कमान निर्णय लेगी कि उनके साथ क्या करना है. मतलब साफ है कि अब आर-पार की लड़ाई है. देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करती है?