पन्ना: मंदिरों की नगरी पन्ना में अनेक प्रतिमाएं ऐसी हैं, जो सैकड़ों नहीं हजारों वर्ष पुरानी है. ऐसी ही एक प्रतिमा जो हिंदूपत महल पुरातत्व संग्रहालय में रखी हुई है. जिसका इतिहास लगभग 1400 वर्ष पुराना है. जानकारों का कहना है कि यह प्रतिमा सातवीं शताब्दी में पन्ना जिले के नाद-चांद में मिली थी, जो वहां से लाकर हिंदूपत महल पुरातत्व संग्रहालय में रख दी गई थी.
पन्ना में शिव कार्तिकेय की दिव्य अलौकिक प्रतिमा, 1400 वर्ष पुराना है इतिहास - PANNA SHIVA KARTIKEYA STATUE
पन्ना के हिंदूपत महल पुरातत्व संग्रहालय में शिव कार्तिकेय के दिव्य अलौकिक प्रतिमा रखी हुई है. जिसका इतिहास करीब 1400 साल पुराना है.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Feb 3, 2025, 10:43 PM IST
हिंदूपत महल के केयर टेकर रमदमन सिंह बताते हैं कि "हिंदूपत महल को 1988 में पुरातत्व संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. हिंदूपत महल का निर्माण बुंदेला शासक छत्रसाल के पौत्र राजा हिंदूपत ने करवाया था. हिंदूपत महल में अनेक पुरानी ऐतिहासिक मूर्तियां रखी हुई हैं. उसमें से एक मूर्ति शिव कार्तिकेय की है, जो लगभग 7वीं शताब्दी की है. यह मूर्ति पन्ना जिले के रैपुरा क्षेत्र अंतर्गत नाद चांद में मिली थी. यह गुप्तकालीन प्रतिमा है, जो सुंदर और आकर्षक है, जिसकी ऊंचाई लगभग 9 फीट है. इसमें कार्तिकेय शिव भगवान के साथ खड़े हैं."
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शिव कार्तिकेय की दुर्लभ प्रतिमा
बता दें कि हिंदूपत महल के पहले ही कमरे के हाल में रखी हुई शिव कार्तिकेय की दुर्लभ प्रतिमा दिव्या और अलौकिक है, ऐसी प्रतिमा कहीं और नहीं है. यह प्रतिमा सातवीं शताब्दी की है और यह लगभग 14 वर्ष पुरानी हो चुकी है. यह प्रतिमा पन्ना जिले के रैपुरा क्षेत्र अंतर्गत नाद चांद में खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी. जब से लाकर इसको पुरातत्व संग्रहालय हिंदूपत महल में रख दिया गया था और अब यह हिंदूपत महल में रखी हुई है. पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है.