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पन्ना में प्रभु अजयपाल साल में एक बार ही क्यों देते हैं दर्शन, पूरे साल कहां रहते हैं भगवान - PANNA MAKAR SANKRANTI MELA

पन्ना में भगवान अजयपाल मंदिर को मकर संक्रांति मेला में केवल खोला जाता है. इसके बाद प्रतिमा को पुरातत्व संग्रहालय में रख दी जाती है.

PANNA MAKAR SANKRANTI MELA
भगवान अजयपाल साल में एक बार ही देते हैं दर्शन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 4:52 PM IST

पन्ना:अजयपाल किले में स्थित भगवान अजयपाल का मंदिर वर्ष में एक बार केवल मकर संक्रांति के अवसर पर ही खुलता है. मकर संक्रांति पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है और पूरे दिन भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खुला रहता है. वहीं, मेले के दूसरे दिन प्रतिमा को रीवा पुरातत्व विभाग संग्रहालय में रख दी जाती है. मकर संक्रांति पर लाखों लोग प्रतिमा के दर्शन करने पहुंचते हैं.

'11 वीं शताब्दी का है मंदिर'

इतिहासकार राम पाठक बताते हैं कि "इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में किया गया है. जिसमें अजयपाल महाराज विराजमान है. यह मंदिर सुंदर पहाड़ी पर बना हुआ है. इसके साथ ही यहां किला व हवा महल भी बना हुआ है. इन सबका निर्माण 11 वीं शताब्दी में हुआ था. इस मंदिर में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध मकर संक्रांति का मेला आयोजित होता है. जिसमें साल भर से इंतजार कर रहे भक्तों को यहां विराजमान भगवान अजयपाल का दर्शन हो पाता है."

मंदिर परिस में प्रतिमा की सुरक्षा व्यवस्था करने की कोशिश (ETV Bharat)

क्यों साल में एक बार ही खुलता है मंदिर?

इस बारें में राम पाठक बताते हैं कि "आज से लगभग 40 वर्ष पूर्व अजयपाल किले से भगवान अजयपाल की मूर्ति चोरी हो गई थी, लेकिन कुछ समय बाद मूर्ति मिल गई थी. इसके बाद से ही साल में एक बार भगवान के दर्शन के लिए मंदिर खोला जाता है. इसके बाद प्रतिमा को रीवा पुरातत्व संग्रहालय में रखवा दिया जाता है." उन्होंने बताया कि अजयपाल किला पहाड़ी पर स्थित है, वहां कोई भी नहीं रहता है. इसलिए मूर्ति की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे साल मंदिर में नहीं रखा जाता है. मकर संक्रांति के मेले पर ही केवल दर्शन के लिए प्रतिमा को मंदिर में रखा जाता है.

पहाड़ी पर बना है किला (ETV Bharat)

वहीं, विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि "इस बारें में कोशिश की जा रही है कि मंदिर परिसर में ही सुरक्षा की व्यवस्था की जाए और बाकी दिन भी भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर को खोला जाए."

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