पन्ना:अजयपाल किले में स्थित भगवान अजयपाल का मंदिर वर्ष में एक बार केवल मकर संक्रांति के अवसर पर ही खुलता है. मकर संक्रांति पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है और पूरे दिन भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खुला रहता है. वहीं, मेले के दूसरे दिन प्रतिमा को रीवा पुरातत्व विभाग संग्रहालय में रख दी जाती है. मकर संक्रांति पर लाखों लोग प्रतिमा के दर्शन करने पहुंचते हैं.
'11 वीं शताब्दी का है मंदिर'
इतिहासकार राम पाठक बताते हैं कि "इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में किया गया है. जिसमें अजयपाल महाराज विराजमान है. यह मंदिर सुंदर पहाड़ी पर बना हुआ है. इसके साथ ही यहां किला व हवा महल भी बना हुआ है. इन सबका निर्माण 11 वीं शताब्दी में हुआ था. इस मंदिर में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध मकर संक्रांति का मेला आयोजित होता है. जिसमें साल भर से इंतजार कर रहे भक्तों को यहां विराजमान भगवान अजयपाल का दर्शन हो पाता है."
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