पन्ना (राकेश पाठक): विश्वभर में मौजूद शिव मंदिरों का अपना-अपना महत्व है, लेकिन पन्ना जिले के सलेहा समीपस्थ नचने का चौमुख नाथ महादेव मंदिर का इतिहास ही अनोखा है. इस अति प्राचीन मंदिर में भगवान शिव के 4 मुख वाली प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा का हर मुख अलग-अलग रूप वाला है. इसी मंदिर परिसर में पार्वती मंदिर भी है, जो दुनिया के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से है.
पन्ना में स्थापित है शिव के 4 मुख वाली प्रतिमा
पंडित रमेश प्रसाद शास्त्री बताते हैं कि "मंदिर में स्थापित चतुर्मुखी प्रतिमा में से एक मुख भगवान के दूल्हे के वेश का है. इसको गौर से देखने पर भगवान के दूल्हे के रूप के दर्शन होते हैं. दूसरे मुख में भगवान अर्धनारीश्वर रूप में हैं. तीसरा मुख भगवान के समाधि में लीन स्थिति का है और चौथा उनके विषपान करने का है. प्रतिमा का सूक्ष्मता के साथ दर्शन करने पर सभी रूप उभरकर आते हैं. यह प्रतिमा अपने आप में अद्भुत और दुर्लभ है."
4 मुख वाली शिव की प्रतिमा (ETV Bharat) इसी परिसर में स्थित पार्वती मंदिर गुप्त कालीन मंदिर माना जाता है. जिसे करीब पांचवीं सदी का बताया जाता है. कहा जाता है कि जब इंसान मंदिरों के निर्माण की कला सीख रहा था, तब इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. यह केंद्र संरक्षित स्मारक है.
4 मुख वाली शिव की प्रतिमा (ETV Bharat) बसंत पंचमी पर होता है 5 दिवसीय मेले का आयोजन
यहां पर प्रत्येक अमावस्या को हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं. बताया जाता है कि श्रद्धालुओं की मनोकामना यहां पूर्ण होती है. इसके साथ ही सोमवती अमावस्या, नागपंचमी, महाशिवरात्रि पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी को 5 दिवसीय मेले का भी आयोजन होता है. जहां विभिन्न जिलों के व्यापारी यहां आकर अपने प्रतिष्ठानों को लगा कर व्यापार करते हैं. ग्रामीणों को इस मेले से आवश्यक सामग्री मिल जाती हैं.
प्राचीन मंदिर है श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र (ETV Bharat) प्राचीन सरोवर में खिलते हैं कमल के फूल
शिव मंदिर से 100 मीटर दूरी पर स्थित प्राचीन सरोवर है. यहां पर भरपूर मात्रा में कमल के फूल लगे हुए हैं. जिससे श्रद्धालुओं को कमल के फूल आसानी से मिल जाते हैं. इसी सरोवर में स्नान करने के उपरांत भक्त सरोवर का जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस तीर्थ स्थल के निकट अन्य प्राचीन धार्मिक स्थल भी हैं, जहां पर लोग पूजा आराधना करते हैं. यहां पर हमेशा धार्मिक कार्यक्रम जैसे रामचरित मानस, अखंड राम नाम संकीर्तन सहित अन्य आयोजन होते रहते हैं.
रुपनी का मंदिर आकर्षण का केंद्र
चौमुख नाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर दूर लखूरे वांग मार्ग पर एक शिव मंदिर स्थित है. जहां पर भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग स्थापित है. बताया जाता है कि इस मंदिर को पूर्व में राजाओं के द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर की बनावट अद्भुत है और 3 खंडों में बना हुआ है. जिसके गर्भ गृह में श्याम वर्ण शिव प्रतिमा स्थापित है जिसे रुपनी के मंदिर के नाम से जाना जाता है, जो धार्मिक आस्था का केंद्र है. चौमुख नाथ मंदिर के साथ ही यहां के दर्शन करने का विशेष महत्व माना जाता है.