पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के एक गांव में लगभग 200 साल पुरानी एक ऐसी ऐतिहासिक मस्जिद मौजूद है, जहां सिर्फ एक मुस्लिम परिवार नवाज पढ़ता है. खास बात ये है कि गांव में सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार रहता है. ये मस्जिद चरखारी रियासत के ग्राम रानीपुर में बनी हुई है. बताया जाता है कि इस मस्जिद का इतिहास महाराज छत्रसाल से जुड़ा हुआ है.
गांव में इकलौता मुस्लिम परिवार
जिले की पन्ना जनपद पंचायत की कृष्णा कल्याणपुर ग्राम पंचायत के रानीपुर गांव में करीब 200 साल पुरानी चरखारी रियासत के समय बनी ऐतिहासिक मस्जिद मौजूद है. खास बात ये है कि रानीपुर गांव में सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार रहता है. गांव में कोई दूसरा मुस्लिम परिवार नहीं है. गांव में पिछली चार पीढ़ियों से इकलौता चांद खान का परिवार रहता है. इस मस्जिद में सिर्फ उनका परिवार नवाज अता करता है. चांद खान बताते हैं कि उनकी तीन से चार पीढ़ियां यहां पर निवासरत थी, जो यहां पर नवाज अता करती थी और गांव में कोई और मुस्लिम परिवार नहीं है. ये ऐतिहासिक मस्जिद है और इसका संरक्षण जरूरी है, क्योंकि ये दिन ब दिन जर्जर होती जा रही है.
गांव के आसपास हीरे का भंडार
ये गांव चारों तरफ से पन्ना टाइगर रिजर्व से घिरा हुआ है. राजा की रियासत के समय यहां कोतवाली और तहसील भी संचालित होती थी. यहां पर सुंदर एवं भव्य राधा कृष्ण का मंदिर स्थापित है. जिसमें सुंदर बावड़ी बनी हुई है. जिसमें कभी पानी कम नहीं होता है. इस गांव की एक विशेषता ये भी है कि ये गांव हीरे के लिए विख्यात है. गांव से लगा सरकोहा गांव है. जहां पर बड़े और बेशकीमती हीरे मिलते हैं.
क्या कहते है जानकार
इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमारबताते हैं कि 'महाराजा छत्रसाल के दो पुत्र हृदयशाह और जगतराज थे. छोटे पुत्र जगतराज को बंटवारे में चरखारी, जैतपुर और अजयगढ़ रियासत मिली थी. जिसमें रानीपुर, सरकोहा और पटी गाव आते थे. गांंव के बुजुर्ग बताते हैं कि हमारे पूर्वजों ने बताया कि राजशाही के समय यहां पहले कोतवाली और तहसील भी संचालित होती थी. राजाओं के द्वारा भी यहां राधा कृष्ण का भव्य और विशाल मंदिर बनवाया गया था. तत्कालीन राजा ने ही मुस्लिम घुड़सवार सैनिकों के लिए राजा ने गांव में मस्जिद की स्थापना करवाई थी.