रांची:राज्यभर की पंचायतों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करने वाले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक अब आंदोलन के मूड में आ गए हैं. राज्य के सभी पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक सोमवार 29 जुलाई 2024 से दो अगस्त तक झारखंड विधानसभा घेराव करेंगे.
जानकारी देते पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार . (वीडियो-ईटीवी भारत) चंपाई कैबिनेट ने मांगों से जुड़े प्रस्ताव पर लगाई थी मुहर
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों का आरोप है कि 253 दिनों के आंदोलन के बाद 12 मार्च 2024 को चंपाई सरकार की कैबिनेट द्वारा पारित उनकी मांगों के क्रियान्वयन पर वर्तमान हेमंत सरकार में नौ जुलाई को बिना किसी कारण के रोक लगा दी गई है.
इस संबंध में झारखंड के पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताते हैं कि पंचायती राज के उपनिदेशक के हस्ताक्षर से जारी आदेश में पंचायत स्वयंसेवकों को लेकर 12 मार्च की कैबिनेट के फैसले को अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश दिया गया है.
पुरानी विधानसभा मैदान से विधानसभा के लिए करेंगे कूच
झारखंड राज्य पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया गया कि कल 10 हजार की संख्या में राज्य के अलग-अलग जिलों के पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक पुरानी विधानसभा मैदान में जुटेंगे और वहां से पैदल मार्च करते हुए विधानसभा घेराव करने के लिए जत्था में निकलेंगे.
फैसले से क्यों पीछे हट रही है वर्तमान सरकार-संघ
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछली बार 253 दिनों तक चले लंबे आंदोलन के बाद 12 मार्च 2024 को चंपाई कैबिनेट ने उनकी मांगों से जुड़े कई प्रस्ताव पारित किए गए थे, पर अभी तक उसे जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया गया.उल्टे पंचायती राज विभाग के द्वारा एक चिट्ठी जारी कर कैबिनेट के फैसले पर आगे की कार्रवाई अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश जारी कर दिया गया. हेमंत सरकार के इस फैसले से राज्य के पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों में काफी आक्रोश है.
ये हैं पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ की मांगें
- 12 मार्च 2024 को चंपाई कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय को लागू की जाए.
- पंचायती राज विभाग झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 1603, ज्ञापांक 742 दिनांक 15.03.2024 को की गई घोषणा को अक्षरशः लागू की जाए.
- पंचायती राज विभाग का पत्रांक संख्या 1594 दिनांक: 09.07.2024 को अविलंब निरस्त करते हुए चयनित पंचायत सहायकों का योगदान स्वीकृत कराया जाए.
- संविदा संवाद कार्यक्रम और 2019 में चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा किया जाए.
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