नूंह: जिले में पशुपालन और पंचायत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार का गंभीर मामला प्रकाश में आया है. वर्ष 2023 में सरकार ने सुल्तानपुर पुन्हाना गांव के लिए 32 लाख रुपये की लागत से पशु अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति दी थी. अस्पताल का निर्माण सुल्तानपुर पुन्हाना में न करके, गलत तरीके से नगीना खंड के सुल्तानपुर नगीना गांव में कर दिया गया. सरकारी रिकार्ड में सुल्तानपुर पुन्हाना गांव के लिए स्वीकृत अस्पताल को निर्माणाधीन दिखाया गया है, जबकि यह अस्पताल नगीना के सुल्तानपुर गांव में बना है. सुल्तानपुर पुन्हाना की भूमि अब भी खाली पड़ी हुई है.
पंचायत राज विभाग के कार्यकारी अभियंता की ओर से नूंह के उपनिदेशक को पत्र भेजा गया, जिसमें नगीना के सुल्तानपुर गांव में बनी अस्पताल की इमारत का निरीक्षण और अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया, लेकिन यह स्पष्ट है कि सुल्तानपुर पुन्हाना के लिए मंजूर अस्पताल का निर्माण इस स्थान पर किया जाना चाहिए था. निर्माण स्थल की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की थी, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया. जबकि 10 अगस्त 2018 को जारी आदेश के अनुसार, किसी भी पशु अस्पताल या डिस्पेंसरी की इमारत निर्माण प्रक्रिया की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करना संबंधित जिले के उप निदेशक और उप मंडलीय अधिकारी का दायित्व था. इसके बावजूद, निर्माण के स्थान का मनमाना परिवर्तन और सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया, जो कि पंचायत राज अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है.
ग्रामीणों ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग : ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह गड़बड़ी अधिकारियों की लापरवाही और सांठगांठ का परिणाम है. उन्होंने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. साथ ही, उन्होंने सरकार से अपील की है कि सुल्तानपुर पुन्हाना में स्वीकृत स्थल पर जल्द से जल्द अस्पताल का निर्माण पूरा कराया जाए.