अलवर.उड़ीसा के पूरी की तर्ज पर अलवर में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पूरे धूमधाम से निकाली जाती है. अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में जन-जन की आस्था के केंद्र चौपड़ बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर पर भगवान का 108 कलशों से पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद भगवान जगन्नाथ गर्भ गृह में चले गए. इसी के साथ अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में मेले की शुरुआत हो गई.
राजगढ़ कस्बे के जगन्नाथ मंदिर के महंत पुरणदास शास्त्री ने बताया कि अभिषेक के पश्चात भगवान का गणेश रूपी श्रृंगार किया व झांकी सजाई गई. इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. इसके बाद भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक गर्भ गृह में चले गए. महंत के अनुसार गर्भ गृह में प्रवेश करने पर भगवान जगन्नाथ का औषधि युक्त काढ़े आदि से इलाज किया जाएगा. पौराणिक परंपरा व मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान को स्नान करने के बाद ज्वर पीड़ा होती है. इससे निजात दिलाने के लिए 15 दिनों तक भगवान को गर्भ गृह में विराजित किया जाता है.
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मंदिर के महंत ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 6 जुलाई को भगवान गर्भ गृह से बाहर आएंगे और भक्तों को दर्शन देंगे. उन्होंने बताया कि पूरी की परंपरा के अनुसार इस दिन स्नान से भगवान जगन्नाथ समस्त जीवों का कल्याण करते हैं. इसी दिन नेत्रोत्सव, मंदिर मार्जन व गणेश पूजन होगा. 7 जुलाई को भगवान क्षेत्र स्थित चौपड़ बाजार से जानकी माता को ब्याहने के लिए ऐतिहासिक मेला स्थल गंगा बाग पहुंचेंगे.
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मेले का रहता है लोगों को इंतजार: राजगढ़ क्षेत्र के निवासी सुनील ने बताया कि पौराणिक परंपराओं के अनुसार राजगढ़ क्षेत्र में कई सालों से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. गंगा बाग स्थित मंदिर पर माता जानकी व जगन्नाथ का वरमाला महोत्सव पूरे धूमधाम से आयोजित होता है. वरमाला महोत्सव के समय मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है और सभी इस वरवाला की साक्षी बनते हैं. इस पल के लिए लोगों को इंतजार रहता है. लोग इस मेले में शामिल होकर जय जगन्नाथ की जयकारे लगाते हैं.