वैशाली: जिले के सोनपुर प्रखंड में पड़ने वाले पहलेजा घाट पर उत्तर वाहिनी गंगा है. उत्तर की ओर से आकर दक्षिण दिशा की ओर प्रस्थान करती है. यहां से 11 अलग-अलग शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए लोग गंगा जल लेने पहुंचते हैं. वैसे तो ज्यादातर कांवरिया पहलेजा घाट से जल लेकर लगभग 75 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर के गरीब स्थान जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं.
नेपाल से आते हैं श्रद्धालुः इनके अलावे हजारों की संख्या में ऐसे भी कांवरिया है जो पहलेजा घाट से जल लेकर बाबा गरीब स्थान के अलावा चौमुखी महादेव वैशाली, केसरिया महादेव केसरिया, बटेश्वर महादेव महनार, पातालेश्वर महादेव हाजीपुर, हरिहरनाथ बाबा सोनपुर, व कंठ पकड़ी महादेव लालगंज आदि जगहों पर पैदल ही यात्रा करते हैं. जबकि इनके अलावा नेपाल के पशुपतिनाथ बाबा, उज्जैन के महाकाल, बनारस के बाबा विश्वनाथ आदि द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर भी जल चढ़ाने के लिए शिव भक्त यहां से जल लेकर जाते हैं.
क्या है मान्यताः इसके पीछे वजह बताई जाती है उत्तर वाहिनी गंगा का होना. स्थानीय पांडा शिवकुमार पांडे ने बताया कि पहलेजा घाट से जल लेने बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. सीतामढ़ी, मोतिहारी, रक्सौल, जनकपुर से नेपाल से बाबा गरीब नाथ, केसरिया धाम के लिए जल भरने के लिए सावन महीना में लोग आते हैं. बाबा हरिहरनाथ के लिए भी जल लेते हैं. यहां की खासियत यह है कि यहां उत्तर से गंगा जी आती है और दक्षिण में जाती है. यही खासियत है यहां उत्तर वाहिनी गंगा है.