गोरखपुर: वर्ष 1990 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के अधिकारी रहते अयोध्या के विवादित ढांचे के नीचे मंदिर का अवशेष खुले तौर पर बताने वाले पद्मश्री डॉ. केके मोहम्मद ने कहा कि देश के अंदर अयोध्या के राम मंदिर, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी की ज्ञानवापी मस्जिद पर पूरी तरह से हिंदुओं का अधिकार है. इसके पुख्ता प्रमाण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के पास मौजूद हैं. इसलिए मुसलमानों को इस पर से अपना दावा छोड़ देना चाहिए.
साथ ही देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए हिंदुओं को भी चाहिए कि इन तीन प्रमुख धर्म स्थलों के अलावा, अन्य मंदिरों को लेकर कोई मांग और विवाद न पैदा करें. इन तीन धर्मस्थलों को किसी अन्य जगह तोड़कर नहीं बसाया जा सकता. जैसे मक्का-मदीना की मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. इसलिए विवाद को खत्म करने के लिए दोनों समुदाय को पहला करनी चाहिए.
मुगलों ने बहुत सारे मंदिर तोड़े, इसके प्रमाण हैं:ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर नॉर्थ डॉ. केके मोहम्मद ने बताया कि अपने पूरे सेवा कॉल में उन्होंने प्रमुख मंदिरों का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया. उसकी रिपोर्ट तैयार की तो इसके अलावा आगरा की मस्जिद हो या फतेहपुर सीकरी, दिल्ली के अंदर मौजूद इस्लामी मॉन्यूमेंट्स, इन सभी का उन्होंने पूरी गहराई के साथ अध्ययन किया है. इसमें पाया कि, मुगल जब भारत में आए तो बहुत सारे मंदिर तोड़े गए. अगर किसी को शक है तो वह कुतुब मीनार के बगल में जाकर इसका आज भी प्रमाण देख सकते हैं.
मंदिर हिंदुओं की विरासत, ये उन्हें मिलने ही चाहिए:आज के मुसलमान उसके लिए जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जब आज के मुसलमान मुगलकाल की घटनाओं को प्रमाणित और प्रामाणिक करने की कोशिश करते हैं तो यह उन्हें अच्छा नहीं लगता. मैंने पुरातात्विक सर्वेक्षण में मंदिरों पर काम करके यह पाया कि मंदिर हिंदुओं की विरासत है. वह उन्हें मिलनी चाहिए. मै इसकी खोज में सफल रहा और उसका प्रमाण भी दे रहा हूं. इससे मैं मुगलों के द्वारा किए गए बुरे बर्ताव का भी प्रायश्चित कर रहा हूं.
अयोध्या राम मंदिर की रिपोर्ट देने के बाद 3 साल तक पुलिस प्रोटेक्शन में रहे:गोरखपुर में इतिहास अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित एक सेमिनार में भाग लेने के लिए आए 72 वर्षीय डॉ. मोहम्मद ने ईटीवी भारत से तमाम मुद्दों पर खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि राम मंदिर पर ASI की तरफ से उन्होंने जो काम किया था, वह तत्कालीन DG, ASI प्रोफेसर बीबी लाल के अधीन किया था. राम मंदिर पर रिपोर्ट देने के बाद उनके ऊपर खतरे भी बहुत थे. 3 साल वह पुलिस प्रोटेक्शन में रहे.
डकैत निर्भय सिंह गुर्जर के साथ काम किया, 80 मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया: फिर भी वह आगे की मिली हुई जिम्मेदारियों से डरे नहीं. वह जीवन में जो सबसे बड़ा अभियान मंदिरों कि भविष्य को तलाशने और संवारने का कर रहे हैं, वह मध्य प्रदेश का मुरैना जिला है, जहां पर बटेश्वर में भूकंप की वजह से, जमींदोज हुए करीब 200 मंदिरों में उन्होंने 80 मंदिर का जीर्णोद्धार करा दिया है. इस काम में उन्होंने वहां के डकैत निर्भय सिंह गुर्जर के साथ मिलकर काम किया था.
वह डकैत भी मंदिरों के पुर्नद्धार से बेहद प्रसन्न और मदद करता था. रिटायर होने के बाद भी वह इस कार्य में लगे हैं, जिसमें फंड की कमी को इंफोसिस के अध्यक्ष की पत्नी सुधा मूर्ति पूरा कर रहीं है. उन्होंने 4 करोड़ रुपए इसके लिए दिए हैं.