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पीक पर धान खरीद का सीजन; करनाल अनाज मंडी के बाहर लगा लंबा जाम, किसान बोले- MSP पर नहीं हो रही खरीद

2 दिन अनाज मंडी बंद होने के चलते करनाल अनाज मंडी के बाहर लंबा जाम लग गया. वहीं, किसानों ने अव्यवस्था पर भी सवाल उठाए.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

KARNAL GRAIN MARKET
करनाल अनाज मंडी (Etv Bharat)

करनाल: हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की आवक काफी तेज हो गई है. पिछले काफी दिनों से जहां किसानों को परेशानी आ रही थी तो मुख्यमंत्री सहित सभी विधायक किसानों की धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा. जिसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इतना ही नहीं किसानों को गेट पास में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अगर करनाल की नई अनाज मंडी की बात की जाए तो वहां किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. जो मंडी से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 44 तक जा पहुंचा है. किसान वहां गत रात से ही लाइनों में लगे हुए हैं, लेकिन 24 घंटे बाद भी उनकी धान की खरीद अब तक नहीं हो पाई है और ना ही उनका गेट पास कट पाया है.

करनाल अनाज मंडी के बाहर लगा जाम (Etv Bharat)

"गेट पास 24 घंटे काटे जाने चाहिए" : किसान जसमेर का कहना है कि वह रात 10 बजे अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर आ गए थे, लेकिन रविवार को छुट्टी होने के चलते और रात को गेट पास न काटने के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह 6 बजे से शाम करीब 6 तक गेट पास काटा जाता है, जबकि यह सीजन 24 घंटे का है, ऐसे में गेट पास भी 24 घंटे काटे जाने चाहिए. ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो. इससे लंबा जाम भी नहीं लगेगा.

"4 में से केवल 3 गेट ही खुले" : किसान गगनदीप का कहना है कि वह भी रात से ही यहां पर लाइन में लगे हुए हैं. ना यहां पीने के पानी की और ना ही खाने की व्यवस्था है. अनाज मंडी के चार गेट हैं, लेकिन तीन गेट ही खुले हुए हैं. अगर चौथा गेट भी खुल जाए तो अनाज मंडी में व्यवस्था कुछ सुधर सकती है. किसानों ने कहा कि पिछले दो दिनों से अनाज मंडी छुट्टी होने के चलते बंद थी, जिसके चलते किसान आज अपनी फसल को लेकर अनाज मंडी में पहुंचे हैं. इसकी वजह से भी जाम की स्थिति बनी हुई है.

"MSP पर नहीं खरीदी जा रही फसल" : किसान प्रवीण कुमार का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की बात करती है, लेकिन 126 प्योर धान करीब ₹200 से कम रेट पर खरीदी जा रही है और अभी नमी के नाम पर उनसे पैसा काटा जा रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी, लेकिन उस फटकार का भी किसी पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा. हालांकि, 114 प्योर धान कुछ सही मूल्य पर खरीदी जा रही है. लेकिन अन्य जो धान की किस्म है, वो पूरे मूल्य पर नहीं खरीदी जा रही. उनका पर्चा पूरे 2320 रुपए में काटा जा रहा है. कहीं ना कहीं किसानों के साथ यह बड़ा धोखा किया जा रहा है.

मंडी सचिव ने दी प्रतिक्रिया : मंडी सचिव संजीव का कहना है कि सीजन पूरे पिक पर है. ऐसे में दो-चार दिन और जाम की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन मंडी और प्रशासन ऐसे सभी प्रबंध कर रहा है, जिससे किसान वर्ग को कोई परेशानी ना हो. गेट पास के लिए कम कर्मचारी है, ऐसे में प्रशासन से कर्मचारी की मांग की गई है. कर्मचारियों के मिलते ही 24 घंटे गेट पास काटने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं जिस किसान की धान की नमी 17 फीसदी तक है, उसको पूरे मूल्य पर खरीदा जा रहा है. हमारा पूरा प्रयास था कि यहां पर किसी भी किसान के साथ कोई नाइंसाफी ना हो और व्यवस्था भी सही तरीके से बनी रहे.

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