पलामूःझारखंड के पलामू में एक बार फिर धनरोपनी की स्थिति ठीक नहीं है. वर्ष 2023 में पलामू में पांच प्रतिशत से भी कम धनरोपनी हुई थी.वहीं इस साल भी अब तक धनरोपनी शुरू नहीं हुई है. आम तौर पर 15 जून से धनरोपनी की शुरुआत होती है.
51 हजार हेक्टेयर भूमि पर धनरोपनी का रखा गया है लक्ष्य
पलामू में इस साल 51 हजार हेक्टेयर में धनरोपनी का लक्ष्य रखा है. पलामू में 12 जुलाई तक के आंकड़ों में जीरो प्रतिशत धनरोपनी हुई है. जबकि आंकड़ों में मात्र 31 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा खेतों में डाला गया है. वहीं बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो पलामू में जून में मात्र 42.4 मिलीमीटर जबकि शुक्रवार तक जुलाई महीने में मात्र 53.3 मिलीमीटर ही बारिश हुई है.
किसान उम्मीद के साथ खेती में लगा रहे हैं पूंजी, पर पर्याप्त बारिश नहीं
किसान उम्मीद के साथ खेती में अपनी पूंजी को लगा रहे हैं. पलामू के इलाके में बादल छाए हुए हैं, लेकिन इतनी बारिश नहीं हुई है कि धनरोपनी की शुरुआत हो सके. कई इलाकों में अन्य फसल को भी किसान हिम्मत जुटा कर खेत में लगा रहे हैं.
बारिश नहीं हुई तो डूब जाएगी किसानों की पूंजी
इस संबंध में पलामू के तरहसी के रहने वाले किसान सुशील कुमार ने बताते हैं कि बारिश से पहले ही उन्होंने खेतों में धान का बिचड़ा डाल दिया था.उन्हें इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि यदि बारिश नहीं हुई तो लागत बढ़ जाएगी और फसल की उपज भी मुश्किल है.