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पलामू में अब तक शुरू नहीं हुई धनरोपनी, मात्र 31 प्रतिशत बिचड़ा खेतों में डाला गया - Paddy Plantation In Palamu

Condition of farming in Palamu.मानसून की बेरुखी से पलामू के किसान इस साल भी हताश हैं. अब तक जिले में धनरोपनी शुरू नहीं हो सकी है. किसान आकाश की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं.

Paddy Plantation In Palamu
खेत में बिचड़ा डालते किसान. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 13, 2024, 8:24 PM IST

पलामूःझारखंड के पलामू में एक बार फिर धनरोपनी की स्थिति ठीक नहीं है. वर्ष 2023 में पलामू में पांच प्रतिशत से भी कम धनरोपनी हुई थी.वहीं इस साल भी अब तक धनरोपनी शुरू नहीं हुई है. आम तौर पर 15 जून से धनरोपनी की शुरुआत होती है.

51 हजार हेक्टेयर भूमि पर धनरोपनी का रखा गया है लक्ष्य

पलामू में इस साल 51 हजार हेक्टेयर में धनरोपनी का लक्ष्य रखा है. पलामू में 12 जुलाई तक के आंकड़ों में जीरो प्रतिशत धनरोपनी हुई है. जबकि आंकड़ों में मात्र 31 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा खेतों में डाला गया है. वहीं बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो पलामू में जून में मात्र 42.4 मिलीमीटर जबकि शुक्रवार तक जुलाई महीने में मात्र 53.3 मिलीमीटर ही बारिश हुई है.

किसान उम्मीद के साथ खेती में लगा रहे हैं पूंजी, पर पर्याप्त बारिश नहीं

किसान उम्मीद के साथ खेती में अपनी पूंजी को लगा रहे हैं. पलामू के इलाके में बादल छाए हुए हैं, लेकिन इतनी बारिश नहीं हुई है कि धनरोपनी की शुरुआत हो सके. कई इलाकों में अन्य फसल को भी किसान हिम्मत जुटा कर खेत में लगा रहे हैं.

बारिश नहीं हुई तो डूब जाएगी किसानों की पूंजी

इस संबंध में पलामू के तरहसी के रहने वाले किसान सुशील कुमार ने बताते हैं कि बारिश से पहले ही उन्होंने खेतों में धान का बिचड़ा डाल दिया था.उन्हें इस साल अच्छी बारिश की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि यदि बारिश नहीं हुई तो लागत बढ़ जाएगी और फसल की उपज भी मुश्किल है.

वहीं इस संबंध में छतरपुर के किसान संतोष यादव ने बताया कि प्रकृति की क्या मर्जी है, यह अभी देखने वाली बात है.बची हुई पूंजी को खेती में भी लगा रहे हैं. पूर्व में जुलाई के पहले सप्ताह में धनरोपनी शुरू कर देते थे, लेकिन इस साल पानी नहीं रहने के कारण वे धनरोपनी की शुरुआत नहीं कर पाए हैं.

पलामू में अन्य फसलों के आच्छादन का भी बुरा हाल

पलामू में अन्य फसलों के आच्छादन का भी बुरा हाल है. मक्का 27520 की जगह मात्र 5989 हेक्टेयर भूमि में लगाई गई है, अरहर 34000 की जगह 606 हेक्टेयर भूमि पर, कुल दलहन 51800 की जगह 6458 हेक्टेयर, तिलहन 2387 हेक्टेयर की जगह मात्र 247 हेक्टेयर, मोटा अनाज 3210 हेक्टेयर की जगह 126 हेक्टेयर में लगाया गया है.

बताते चलें कि पलामू में इस बार खेती का लक्ष्य 135917 हेक्टेयर भूमि में रखा गया है, पर 12 जुलाई तक मात्र 12819 हेक्टेयर भूमि में ही खेती हो पाई है. कुल खेती की लक्ष्य का मात्र 9.43 प्रतिशत ही अब तक हासिल किया जा सका है.

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