रांची:मंईयां सम्मान योजना को लेकर राज्य सरकार इन दिनों राजस्व संग्रह पर जोर दे रही है. चालू वित्तीय वर्ष में विभिन्न विभागों के लिए किए गए बजटीय प्रावधान में सरप्लस राशि को सरेंडर करने का निर्देश वित्त विभाग के द्वारा दिया गया है. जिसके बाद कई विभागों के द्वारा राशि को सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की वजह से सात दिनों का राजकीय शोक के कारण 28 दिसंबर को प्रस्तावित मंईयां सम्मान योजना कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. मगर राज्य सरकार ने दिसंबर माह से इस मद में बढ़ी हुई राशि यानी प्रतिमाह 2500 रुपया प्रति लाभुक भेजना शुरू कर दिया है. समाज कल्याण विभाग द्वारा 28 दिसंबर तक इस योजना के 55.60 लाख लाखों के बैंक अकाउंट में राशि हस्तांतरण करने का निर्देश जारी करते हुए विभिन्न जिलों को 5225 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
मंईयां सम्मान योजना पर सियासत
मंईयां सम्मान योजना को लेकर सियासत जारी है. विपक्ष जहां सरकार द्वारा सरेंडर पॉलिसी अपनाने पर सवाल खड़ा करते हुए तंज कसने में जुटी है. पलटवार करते हुए सत्ता पक्ष के द्वारा वादा पूरा होने की बात कहते हुए जमकर निशाना साधा है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि जब हम कोई घोषणा करते हैं तो इससे पहले बजटीय प्रावधान का ध्यान रखना चाहिए.
सीपी सिंह ने क्या कहा
सीपी सिंह ने कहा कि मंईयां योजना के लिए आपने हर महीने 2500 रुपया देने का वादा किया तो आपको देना ही पड़ेगा, चाहे पैसे जहां से लाएं. उन्होंने कहा कि अब इसके लिए सरकार सभी विभागों के पैसे को सरेंडर कर रही है. बार-बार यह कह रही है कि केंद्र सरकार 1 लाख 36 हजार रुपए नहीं दे रही है. अगर केंद्र सरकार पर राज्य का बकाया रहता तो वह जरूर दे देती.
लोजपा ने भी उठाए सवाल