नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार और नगर निगम पर गांवों में हाउस टैक्स माफ करने की झूठी घोषणा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मेयर शैली ओबराय ने हाउस टैक्स माफ करने की हवाई घोषणा करके स्वागत तक करा लिया, जबकि दूसरी तरफ गांवों में लाखों रुपए के हाउस टैक्स के नोटिस भेजे जा रहे हैं."
बिधूड़ी ने कहा कि जब तक गांवों में नागरिक सुविधाएं नहीं दी जाती, तब तक कोई गांववासी हाउस टैक्स नहीं देगा. विधानसभा में गांवों में हाउस टैक्स का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह कितनी हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और महापौर शैली ओबराय ने ऐलान किया कि गांवों में हाउस टैक्स माफ कर दिया गया है, लेकिन असल में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. न कोई प्रस्ताव आया और न ही कोई कार्रवाई हुई. सिर्फ कागजी घोषणा कर दी गई. इसी का नतीजा है कि गांवों के लोग हाउस टैक्स के लाखों के नोटिस देखकर हैरान-परेशान हैं.
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उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हाउस टैक्स के नोटिस भेजे जा रहे हैं और दूसरी तरफ गांवों के विकास की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है. दिल्ली नगर निगम के बजट में 360 गांवों के विकास के लिए मात्र 21.5 करोड़ रुपए रखे गए हैं. उन्होंने पूछा कि क्या इतनी कम राशि में किसी एक गांव का विकास भी संभव है? बजट में 360 गांवों के लिए इतनी कम राशि का प्रावधान गांववालों का अपमान है.
बिधूड़ी ने साफ तौर पर कहा कि गांवों में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पार्क, सड़कें, सीवर, पीने का साफ पानी, कम्युनिटी सेंटर और बच्चों के खेल के मैदान जैसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. जब तक ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती, तब तक एक भी गांववासी हाउस टैक्स का भुगतान नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम नोटिसों को फाड़ दिया जाएगा. बिधूड़ी ने मांग की कि गांवों के विकास के लिए केजरीवाल सरकार तुरंत एक हजार करोड़ रुपया मंजूर करे.
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