नई दिल्ली /नोएडा :नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने बृहस्पतिवार को नशीले पदार्थ और ड्रग्स बेचने वालों के खिलाफ बड़े स्तर पर ऑपरेशन प्रहार चलाया. नशीले पदार्थों और ड्रग्स के खिलाफ नोएडा पुलिस ने गुरुवार को प्रहार करते हुए सात घंटे का ऑपरेशन चलाया. ऑपरेशन प्रहार के तहत पुलिस की 100 टीमों ने जनपद के 700 प्वाइंट पर दबिश दी और 68 लोगों को पकड़ा. इस दौरान भारी मात्रा में गांजा, स्मैक, ई-सिगरेट बरामद की गई है. पुलिस ने खास तौर पर शिक्षण संस्थानों के आसपास इस अभियान को चलाया. आगे भी इस तरह के अभियान चलते रहेंगे. यह जानकारी पुलिस कमिश्नर नोएडा ने दी.
ऑपरेशन प्रहार के तहत पुलिस की 100 टीमों ने दी दबिश :युवा पीढ़ी और छात्रों को नशे से बचाने के उदेश्य से पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने जनपद में गुरुवार को अचानक ऑपरेशन प्रहार चलाया. इसके लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और सेंट्रल नोएडा जोन के डीसीपी के नेतृत्व में एक साथ लगभग 700 से अधिक स्थान पर दबिश दी गई. ये सभी स्थान स्कूल और विश्वविद्यालयों के आस पास थे. इस के लिए पुलिस की 100 टीमें अलग अलग बनाई गई. इनमें 600 से अधिक पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया.
कई जगहों पर, ड्रग सप्लायर, डीलर, पैडलर की तलाशी :नोएडा जोन में हरौला, बरौला, सदरपुर, पर्थला, सर्फाबाद, अट्टा, सेक्टर 62, सेक्टर 12 के आस पास, सेन्ट्रल नोएडा जोन में छिजारसी, बहलोलपुर, भंगेल, कुलेसरा, हल्द्वानी, रोजा जलालपुर और ग्रेटर नोएडा जोन में नॉलेज पार्क, ऐच्छर, कासना, विलासपुर, रबूपुरा, जेवर, जारचा, दादरी के स्कूलों और विश्वविद्यालयों के आस पास और दुकानों, सैलूनों और अस्थाई दुकानों, ड्रग सप्लायर, डीलर, पैडलर की तलाशी ली गई. इस अभियान के तहत 68 आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई. सभी से पूछताछ की जा रही है. वहीं इस अभियान में 43.2 किलोग्राम अवैध गांजा और भारी मात्रा में स्मैक की पुडिय़ा, ई सिगरेट, 100 पाइप और रोलिंग पेपर बरामद हुए हैं. इस दौरान 3 लोगों को ऑन लाइन नशे का सामान बेचते हुए गिरफ्तार किया गया है.
एंटी नारकोटिक्स टीम से लेकर कमांडो सड़क पर उतरे :कमिश्नरेट पुलिस की पूरी टीम सडक़ पर दिखी. इस टीम में 500 पुलिसकर्मी, 5 प्लाटून पीएसी को शामिल किया गया था. इसके अलावा एंटी रोमियो और स्वाट की 27 टीमें भी इस ऑपरेशन प्रहार में थी. साथ ही एंटी नारकोटिक्स टीम से लेकर कमांडो भी ऑपरेशन प्रहार का हिस्सा थे. सभी जोन के डीसीपी इसका नेतृत्व कर रहे थे और सभी एडीसीपी और एसीपी अभियान में मौजूद थे.