नई दिल्ली: सालभर पहले हटाए गए बस मार्शलों को पक्की नौकरी देने का मुद्दा लगातार सुर्खियों में है. गुरुवार को उपराज्यपाल (LG) के आदेश पर इन्हें चार महीने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में ड्यूटी देने को कहा है. अब विधानसभा में नेता विपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी मार्शलों को पक्की नौकरी देने की मांग की है.
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी से मांग की है कि वह दिल्ली के 10 हजार मार्शलों को नियमित करने के संबंध में जल्द कार्रवाई करें और इस संबंध में तीन सदस्यों वाली कमेटी बनाई जाए. ताकि विधानसभा चुनाव से पहले ही पर्याप्त समय रहते इसका स्थायी समाधान किया जा सके. उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर इस पर तुरंत एक्शन लेने की मांग की है.
बस मार्शलों का मुद्दा भाजपा विधायकों ने 27 सितंबर को विधानसभा सत्र में उठाया था और इस विषय में एक प्रस्ताव भी पारित किया था. इसके बाद भाजपा विधायक दल ने 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद 5 अक्टूबर को ही नेता विपक्ष और CM आतिशी की उपराज्यपाल के साथ मीटिंग हुई थी.
तीन सदस्य कमेटी बनाएगी दिल्ली सरकार: मीटिंग में निर्णय लिया गया था कि दिल्ली सरकार इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी, जिसमें तीन विभागों फाइनेंस, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारी सदस्य होंगे और यह कमेटी 10 हजार मार्शलों को पक्का करने के बारे में ठोस योजना तैयार करेगी और उन्हें आरक्षण देने, उचित वित्तीय प्रबंधन करने, बजट आवंटन और रिक्रूटमेंट रूल्स जैसे सभी मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार करेगी.
LG ने 24 अक्टूबर को सीएम आतिशी को भेजा था पत्र: LG वीके सक्सेना ने भी 24 अक्टूबर को आतिशी को भेजे अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है. दिल्ली सरकार द्वारा अब तक कोई कदम नहीं उठाने पर हैरानी जताई है. आज फिर इस संबंध में नेता विपक्ष ने आतिशी को पत्र लिखकर इस मामले की गंभीरता पर उनका ध्यान आकृष्ट किया है और कहा है कि अभी सरकार के पास 4 महीने का पर्याप्त समय है, इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई करते हुए कमेटी का गठन कर देना चाहिए.
कैबिनेट नोट बनाकर LG को भेजना सही नहीं: गुप्ता ने मार्शलों को आगाह करते हुए कहा कि पिछले साल 1 नवंबर 2023 को केजरीवाल सरकार द्वारा हटाए गए 10 हजार मार्शलों को पक्का करने के लिए जो कैबिनेट नोट बनाकर LG को भेजा गया था, वह सही नहीं था. उस पर संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव के हस्ताक्षर होने चाहिए थे, जो नहीं थे. इस तरह से यह पूरा फर्जीवाड़ा बस मार्शलों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास था.
बस मार्शलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही दिल्ली सरकार: नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब विधायकों की सैलरी बढ़ाने की बात आई थी तो सरकार ने असली कैबिनेट नोट बनाकर उसे उपराज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा था. उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बस मार्शलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उनको बरगला रही है. झूठ बोलकर गुमराह करने की कोशिश कर रही है. गुप्ता ने कहा कि हम 10 हजार बस मार्शलों के साथ हैं और उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे.
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