नई दिल्ली : कांग्रेस ने 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली में खोई जमीन वापस पाने का मौका महसूस किया है. इसी को देखते हुए सत्तारूढ़ आप का मुकाबला करने के लिए 8 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में यात्रा शुरू करेगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी महात्मा गांधी की समाधि राजघाट से यात्रा शुरू कर सकते हैं, जिससे 2013 में पहली बार बनी आप के हाथों खोई गई पुरानी पार्टी की राजनीतिक जगह को पुनः हासिल किया जा सके.
महीने भर चलने वाले जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान, पार्टी पदाधिकारी सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे और मतदाताओं का विश्वास जीतने की कोशिश करेंगे, जो 2013 से पहले मौजूद था. उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लगातार तीन कार्यकालों तक दिल्ली पर शासन किया था.
इस संबंध में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से कहा कि कांग्रेस ने पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. मतदाताओं ने आप सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार को देखा है. उन्होंने कहा कि लोगों को साफ नालों, स्वच्छ यमुना नदी, नियमित पेयजल आपूर्ति और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और अन्य नागरिक मुद्दों की कमी का सामना करना पड़ा. इसी वजह से वे पिछली कांग्रेस सरकार को याद करते हैं और 2025 में पार्टी को वापस लाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘वे यमुना नदी को साफ करने की समयसीमा को आगे बढ़ाते रहे लेकिन कुछ नहीं किया. इससे पहले वे नवम्बर में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराते थे. पंजाब में सत्ता में आने के बाद उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को दोषी ठहराना शुरू कर दिया है. पहले उन्होंने कहा था कि वे दिल्ली को साफ नहीं कर सकते क्योंकि नगर निगमों पर भाजपा का नियंत्रण है. अब वे एमसीडी को नियंत्रित करते हैं लेकिन फिर भी शहर साफ नहीं है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?'' एक तरह से, कांग्रेस की यह यात्रा आप के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘जनता की अदालत’ अभियान का जवाब होगी. बता दे कि आप शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ सार्वजनिक मान्यता हासिल करने की मांग करके भाजपा का मुकाबला करना चाहती है.
वहीं कांग्रेस ने जमानत मिलने के बाद केजरीवाल के इस्तीफा देने और विश्वासपात्र आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने को ‘नाटक’ करार दिया था. अब कांग्रेस दोनों प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने की योजना बना रही है. यादव ने कहा, "आप और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. वे केंद्र और राज्य सरकारों की विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक-दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं. हम दोनों को बेनकाब करेंगे."
इस यात्रा को 'न्याय यात्रा' नाम दिया गया है और कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा पैदल यात्रा की जा रही है. इसे राहुल गांधी की पहले की दो राष्ट्रव्यापी यात्राओं के आधार पर तैयार किया गया है, जिससे पार्टी को देश भर में मतदाताओं से जुड़ने में मदद मिली थी.
इसे ध्यान में रखते हुए, यात्रा दल दिन में विधानसभा क्षेत्रों में घूमेंगे और मतदाताओं से बातचीत करेंगे तथा राज्य सरकार की विफलताओं के बारे में बताएंगे. वे उसी क्षेत्र में टेंट में रात बिताएंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि यात्रा में सभी वरिष्ठ नेता भाग लेंगे.
गौरतलब है कि 2011 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को जनता की भारी प्रतिक्रिया के बाद पहली बार सत्ता में आई आप के बाद 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली में हाशिये पर धकेल दिया गया था. तब से दिल्ली में मुकाबला आप और भाजपा के बीच ही रहा है.
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