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ओपी राजभर ने CM योगी की बैठक में न जाने और डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मुलाकात पर दी सफाई, जानिए क्या थी सच्चाई - Omprakash Rajbhar - OMPRAKASH RAJBHAR

मिर्जापुर में सीएम योगी की बैठक में हिस्सा न लेने और लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद से मुलाकात पर मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सफाई दी है. इसके साथ ही कारण भी बताए हैं.

मीडिया से बातचीत करते ओमप्रकाश राजभर.
मीडिया से बातचीत करते ओमप्रकाश राजभर. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 7:14 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 8:15 PM IST

ओमप्रकाश राजभर. (Video Credit; ETV Bharat)

गाजीपुरः सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए आम बजट को अच्छा बताया. वहीं, आजमगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचने और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात पर राजभर ने कहा कि पहले से प्रदेश भर के जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक लखनऊ में तय थी. सारा एजेंडा तय हो चुका था. ऐसे में समीक्षा बैठक होनी थी तो हमने सीएम से बात की और उनको सारी स्थिति से अवगत कराया. सीएम ने जब हरी झंडी दी तो जिला पंचायत की बैठक में गया. इसलिए मैं समीक्षा बैठक में नहीं जा पाया था. लखनऊ में केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात एक महज औपचारिक मुलाकात थी. उस दिन मेरी मुलाकात स्वतंत्र देव, दयाशंकर सिंह और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भी हुई थी.

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कोई भी सरकार बजट पेश करती है तो यह एक अनवरत प्रक्रिया है. यह बजट सबके लिए लाभकारी है. कोई भी सरकार जब बजट पेश करती है तो अध्ययन करती है. जो विपक्ष में रहते हैं उनका काम विरोध करना है, इसमें खामियां ढूंढना है. लेकिन जो बजट आज पेश हुआ है वह सभी वर्गों के लिए और देश हित में है. टैक्स दर में हुए बदलाव पर राजभर ने कहा कि संविधान में यह प्रावधान है कि टैक्स से ही सरकारी व्यवस्था का खर्च वहन होगा. अच्छी सड़क, शिक्षा, चिकित्सा और बुनियादी सुविधाएं चाहिए तो टैक्स तो देना ही होगा. आउटसोर्स और संविदा नौकरियों में आरक्षण के सवाल पर राजभर ने कहा कि यह व्यवस्था बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मायावती ने किया था और उसको समाजवादी पार्टी की सरकार ने खारिज कर दिया था. हमारी सरकार संविदा और आउटसोर्स नौकरियों में आरक्षण की पक्षधर है. इस बात को लेकर जल्द ही योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के नेम प्लेट वाले फैसले पर राजभर ने कहा कि वह फैसला तो मुलायम सिंह का था. मुलायम सिंह के फैसले का समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगी विरोध कर रहे हैं, ये बड़ी ताज्जुब की बात है. आदित्यनाथ योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने केशव प्रसाद और अन्य के विरोध की अटकलों पर राजभर ने कहा कि पिछले छह सालों से ये खबरें आ रही हैं और हम सुन रहे हैं, कुछ चैनलों पर ये खबरें चलाई भी गई. ये सिर्फ शिगूफा है और कुछ नहीं. कोई मुख्यमंत्री नहीं बदला जा रहा है और न कोई किसी से नाराज है.


राजभर ने बसपा और सपा पर चुटकी लेते कहा कि ये लोग सरकार बनाने का दावा करते रहे और आज कहां हैं. अखिलेश यादव ने अपने सांसद को अयोध्या का राजा बता दिया. बताइए क्या उनके सांसद भगवान राम हो गए. संसद में अवधेश प्रसाद अयोध्या नरेश कहना सही नहीं है. उन्होंने अपने सिंबल से जीते विधायकों को सपा के लोग वाले बयान को दोहराते हुए बेदी राम के सामने ही कह दिया कि ये सभी लोग सपा के थे, मैं तो इन्हें जनता भी नहीं था. अखिलेश के नवरत्न में से एक सपा के उदयवीर सिंह ने इन सबको मेरे पास भेजा और उस समय मैं गठबंधन में था और मैने अपना सिंबल दे दिया. ये सभी एक दो नहीं छह लोग थे, जिसमें मऊ से जेल में बंद अब्बास अंसारी भी है. उन्होंने कहा कि नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने चार्जशीट लगा दिया है, जिसमें बेदी राम को क्लीनचिट मिल गई है. बेदीराम को अखिलेश यादव के हरी झंडी देने के बाद टिकट दिया गया था. इनको तो मैं जानता ही नहीं था, बगल में खड़े हैं, पूछ लीजिए.

विधायक बेदीराम से मिले ओपी राजभर. (Photo Credit; ETV Bharat)

बेदीराम से गुलदस्ते के साथ मिले ओपी राजभर, पेपर लीक कांड के बाद बताया था सपा का आदमी

लखनऊ: पेपर लीक मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदीराम के चर्चा में आने के बाद पार्टी सुप्रीमो व योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने खुद को घिरते हुए देख अपने ही विधायक बेदीराम को सपा का आदमी तक बता दिया था. लेकिन मंगलवार को बेदीराम से गुलदस्ता लेते हुए राजभर की तस्वीर सामने आने के बाद एक बार फिर राजभर की कथनी और करनी पर सवाल खड़े हो गए है. दरअसल, बीते दिनों एक निजी चैनल ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना बिजेंद्र गुप्ता का स्टिंग ऑपरेशन किया था. स्टिंग के दौरान जब बिजेंद्र से पूछा गया कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा पेपर लीक मास्टरमाइंड वह किसे मानता है. तब उसने गाजीपुर की जखनिया से सुभासपा विधायक बेदीराम का नाम लिया था. इतना ही नहीं इसी बीच बेदीराम का भी ए स्टिंग वायरल हुआ, जिसमें वो खुद कई पेपर लीक करने की बात कबूलते सुने जा रहे थे. रेलवे परीक्षा पेपर लीक मामले में भी आरोपी बनाए जा चुके बेदीराम को लेकर ओपी राजभर का भी एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो कार्यकर्ताओं से नौकरी पाने के लिए बेदीराम से संपर्क किए जाने की बात कह रहे थे. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने जब राजभर को दिल्ली तलब किया तो उन्होंने बेदीराम से कन्नी काट ली थी. बीते दिनों ओपी राजभर ने बेदीराम के लिए कहा कि, बेदीराम उनका नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी का आदमी है. सपा के कहने पर ही बेदीराम को उन्होंने अपने सिंबल पर 2022 का विधान सभा चुनाव लड़ाया था. इसके बाद मंगलवार को एक बार फिर से राजभर बेदीराम से मिलते हुए देखे गए.



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Last Updated : Jul 23, 2024, 8:15 PM IST

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