नई दिल्ली/झज्जर/चंडीगढ़ : देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवाने के वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को बुधवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे डाली है. आने वाले नवंबर-दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा. वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इससे पहले 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है.
जानिए क्या है वन नेशन वन इलेक्शन ? : भारत में मौजूदा हालातों में राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर कार्यकाल खत्म होने के हिसाब से होते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का सीधा मतलब है कि पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव करवाए जाएंगे. देश के मतदाताओं को हर बार अलग-अलग वक्त पर वोट डालने के बजाय एक साथ ही वोट डालना होगा. आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन फिर विधानसभा और लोकसभा के अलग-अलग वक्त पर भंग होने के चलते ये परंपरा बदल गई और अलग-अलग वक्त पर चुनाव होने लगे.
वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी :पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे और फिर इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराने का प्रस्ताव है. अगर आज के मौजूदा हालात में एक देश एक चुनाव के फॉर्मूले को लागू किया जाएगा तो कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा, ऐसे में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हुए हैं, उनके कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर अगर सभी दलों की सहमति बनी तो इसे साल 2029 से ही लागू कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की तरक्की में बाधा पहुंचाते हैं, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि सरकार इसी कार्यकाल में वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव को लागू करेगी.
कांग्रेस ने किया विरोध :वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी देने के प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि हम इसके साथ नहीं खड़े हैं. लोकतंत्र में एक देश एक चुनाव नहीं चल सकता. यदि हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र बचा रहे तो आवश्यकता पड़ने पर चुनाव कराने की जरूरत है.
हरियाणा सीएम ने क्या कहा ? :वहीं हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरे मामले पर बोलते हुए कहा कि "मैं इसके लिए पीएम मोदी को बधाई देता हूं.इससे न केवल खर्च कम होगा बल्कि देश में विकास की गति भी बढ़ेगी."