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एक्शन में मुख्य सचिव, ऑफिस से नदारद मिले एक आईएएस और दो आरएएस को किया गया एपीओ - Personnel Department did APO

जेडीए में ऑफिस टाइम में नदारद मिले एक आईएएस और दो आरएएस अधिकारियों को कार्मिक विभाग ने एपीओ कर दिया है. मुख्य सचिव सुधांशु पंत मंगलवार सुबह जयपुर विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे थे.

एक आईएएस और दो आरएएस को किया गया एपीओ
एक आईएएस और दो आरएएस को किया गया एपीओ

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2024, 7:28 PM IST

जयपुर. जेडीए में ऑफिस टाइम में नदारद मिले एक आईएएस और दो आरएएस अधिकारियों को कार्मिक विभाग ने एपीओ कर दिया है. राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांशु पंत मंगलवार सुबह जयपुर विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे थे, यहां मौके पर आयुक्त मंजू राजपाल, सचिन नलिनी कठोतिया, अतिरिक्त आयुक्त आनंदीलाल वैष्णव और उपायुक्त प्रवीण कुमार द्वितीय अपनी सीट पर नहीं मिले, ऐसे में सीएस ने गैर हाजिर अधिकारियों को समय पाबंदी का पाठ पढ़ाने के लिए सख्त रुख अख्तियार करते हुए मंजू राजपाल को छोड़कर शेष तीनों अधिकारियों को एपीओ कर दिया है.

सीएस ने किया औचक निरीक्षण : मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने मंगलवार को जयपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान जेडीए में कई कर्मचारी और अधिकारी नदारद मिले. इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में कई जगह पुराना कबाड़ को देखने को मिला. जिस पर मुख्य सचिव ने नाराजगी भी जताई. हालांकि, सीएस के औचक निरीक्षण की सूचना मिलने पर जेडीए आयुक्त और सचिव तुरंत कार्यालय पहुंचे, जिनके सामने नाराजगी जताते हुए सुधांशु पंत ने गैर हाजिर मिले और देरी से पहुंचने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

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लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई :सीएस के निर्देश पर आयुक्त मंजू राजपाल ने जेडीए के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही, साथ ही लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर लगे कर्मचारियों को हटाने और सभी कर्मचारियों को आईडी कार्ड पहन कर ही जेडीए में प्रवेश करने के निर्देश दिए. उन्होंने ये भी आदेश दिए कि जो कर्मचारी संविदा पर लगे हैं, उन्हें हर दिन उपस्थिति रजिस्टर में एंट्री करनी होगी और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि सुधांशु पंत 2010 में जेडीए कमिश्नर रहे हैं और यहां की कार्यशैली से अच्छी तरह वाकिफ हैं. यही वजह रही की अब मुख्य सचिव बनने के बाद उन्होंने जेडीए का रुख किया और आम जनता से मिलने वाली शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कार्यालय में देरी से पहुंचने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरती.

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