धनबाद: झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर एक दिवसीय कानून की पाठशाला कार्यक्रम का आयोजन किया है. इसमें पुलिस को कानून के अनुसंधान के बारे में बताया गया. जिला स्तरीय कैपिसिटी बिल्डिंग सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल कोर्ट में किया गया.
इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, एसएसपी एच पी जनार्दनन, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, बार एसोसिएशन महासचिव जीतेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया.
इस कार्यक्रम में न्यायाधीश वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेदारी है और कोई भी मसले को समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है. विभिन्न थानों के पुलिस पदाधिकारियों जो अनुसंधानकर्ता के रूप में केस में अपना योगदान देते हैं. उन्हें संबोधित करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है.
सड़क दुर्घटना के विषय पर पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए जिला जज ने शख्त आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले पर किसी भी हालत में 30 दिन के अंदर दुर्घटना की रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है. ऐसा न करने पर संबंधित थाना के प्रभारी व अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है. यदि समय पर पुलिस ऐसा कर दें तो मृतक के परिजनों को तमाम मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है.
वहीं एसएसपी एचपी जनार्दनन ने कहा कि पुलिस के पास अत्यधिक कार्य का बोझ होता है. जिस कारण भी कई बार अनुसंधान में कई तरह की त्रुटियां रह जाती है. जिसका फायदा अभियुक्त को मिल जाता है. इसलिए यह कार्यशाला हमारे अनुसंधान कर्ताओं को अनुसंधान में काफी मदद करेगी. महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों और उससे संबंधित कानून की जानकारी देते हुए न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों की गरीमा बनाए रखने में न्यायपालिका सहित आप सबों का अहम रोल है.