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दो दशक पहले सरिस्का पर लगा 'बाघ विहीन' होने का कलंक, अब दूसरे टाइगर रिजर्व को करेगा आबाद - TIGER SHIFTED TO RVTG

रणथंभौर के बाद सरिस्का बाघों के पुनर्वास के लिए जाना जाएगा. यहां के बाघ को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया है.

सरिस्का करेगा दूसरे टाइगर रिजर्व को आबाद
सरिस्का से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व शिफ्ट हुआ बाघ (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2024, 2:07 PM IST

Updated : Nov 11, 2024, 2:55 PM IST

अलवर : करीब दो दशक पूर्व 2005 में ऐसा समय भी आया कि टाइगर रिजर्व सरिस्का को सरकार को बाघ विहीन घोषित करना पड़ा था. डेढ़ दशक पूर्व रणथंभौर से आए बाघ-बाघिनों की बदौलत अब सरिस्का बाघों की नर्सरी ही नहीं बना, बल्कि दूसरे टाइगर रिजर्व को भी बाघ देकर आबाद करने लगा. सरिस्का से पहली बार युवा बाघ एसटी-2303 का पुनर्वास रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में कराया गया है. हालांकि, सरिस्का में अभी 42 बाघ हैं.

टाइगर रिजर्व सरिस्का की अलवर बफर रेंज का युवा बाघ पिछले करीब तीन महीनों से हरियाणा के झाबुआ बीड़ जंगलों में घूम रहा था. यह बाघ सरिस्का की अलवर बफर रेंज से निकलकर एक बार पहले भी हरियाणा के रेवाड़ी जंगल में पहुंच चुका है. इस युवा बाघ के बार-बार सरिस्का के जंगल से निकल हरियाणा तक पहुंचने के कारण सरकार ने अब इसे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में भेजने का निर्णय किया. सरिस्का की टीम ने रविवार को बाघ एसटी- 2303 को ट्रेंक्यूलाइज कर टाइगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी भेज दिया. अब उम्मीद है कि सरिस्का का यह युवा बाघ रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को आबाद करेगा.

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सरिस्का की बढ़ेगी ख्याति :बाघों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू होने से सरिस्का टाइगर रिजर्व की ख्याति प्रदेश व देश में बढ़ेगी. अभी तक राजस्थान में रणथंभौर ही बाघों के पुनर्वास के लिए जाना जाता था. सरिस्का समेत प्रदेश के ज्यादातर टाइगर रिजर्व आज रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बदौलत ही आबाद हैं. बाघ एसटी-2303 के रामगढ़ विषधारी में पुनर्वास कराने के बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व भी अब इस कड़ी में जुड़ गया है. इससे सरिस्का टाइगर रिजर्व की ख्याति और बढ़ेगी.

प्रदेश के बाहर से बाघ लाने की जरूरत नहीं :सरिस्का टाइगर रिजर्व को अभी रणथंभौर या प्रदेश के किसी अन्य टाइगर रिजर्व से बाघों के पुनर्वास की जरूरत नहीं है. कारण है कि सरिस्का में अभी 42 बाघ हैं और यहां युवा बाघ-बाघिनों के चलते जल्द ही यहां बाघों का कुनबा और बढ़ने की संभावना है. वैसे भी सरिस्का के कोर एरिया में बसे गांवों के चलते यहां बाघों को अपनी नई टैरिटरी बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है. इस कारण सरिस्का के युवा बाघ अपनी टैरिटरी की तलाश में बाहर निकल रहे हैं, लेकिन सरिस्का में मौजूद सभी बाघ एक ही ब्रीड के हैं. ये सभी बाघ रणथंभौर के बाघों की संतान हैं. ऐसे में सरिस्का को अब प्रदेश के बाहर मध्य प्रदेश या अन्य किसी प्रदेश से बाघों के पुनर्वास की जरूरत है, जिससे सरिस्का में बाघों की ब्रीड बदल सके.

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पहली बार बाघों की संख्या 40 के पार :सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी बाघों की संख्या 42 है. यह पहला मौका है जब सरिस्का में बाघों की संख्या 40 के पार पहुंची है. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि अलवर बफर रेंज का युवा बाघ एसटी 2303 करीब तीन माह पहले झाबुआ बीड़ में पहुंच गया था, जिसे एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार ट्रेंकुलाइज कर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए रवाना किया गया था. इसके लिए पहले ही अनुमति ली जा चुकी थी. अब सरिस्का का यह युवा बाघ रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को आबाद करेगा. सरिस्का के बाघ एसटी 2303 को ट्रेंकुलाइज किया गया, जिसे होश में आने के बाद सड़क मार्ग से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व ले जाया गया. यह बाघ अपने नए वन क्षेत्र में सुबह करीब 5 बजे पहुंचा.

Last Updated : Nov 11, 2024, 2:55 PM IST

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