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वेलेंटाइन डे पर बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ दिवस, अपने माता-पिता की पूजा कर लिया आशीर्वाद - MOTHER FATHERS DAY

गोरखपुर के एक स्कूल में बच्चों ने अपने माता पिता की उतारी आरती, छुए पैर

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स्कूल में मातृ-पितृ दिवस पर कार्यक्रम (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2025, 3:34 PM IST

गोरखपुर: 14 फरवरी को एक तरफ जहां पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही है. वहीं, गोरखपुर में आज के दिन को बच्‍चों मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया. शहर के कालिंदी पब्लिक स्कूल में मातृ-पितृ दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें छोटे छोटे बच्चों ने अपने माता-पिता का पूजा किया. उन पर पुष्प वर्षा की और फिर तिलक लगाकर उनकी आरती की. वहीं इस दौरान माता-पिता ने अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना की.

दरअसल अंतरराष्ट्रीय पहलवान और कालिंदी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक राकेश सिंह वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाते आए हैं. इस दिवस पर छात्र व छात्राएं अपने माता-पिता को देवता तुल्य मानते हुए पूरे विधि विधान के साथ उनका पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वहीं इस भावुक पल में कई माता-पिता के आंखों में आंसू भी देखा गया. सबने अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना की. कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व विद्यालय प्रशासन ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को पुष्प अर्पित कर नमन किया.

अभिभावक अश्वनी मिश्रा व रीना मिश्रा ने बताया कि इस आधुनिक दौर में जहां बच्चे टीवी और मोबाइल तक ही सीमित हैं. वहीं कालिंदी पब्लिक स्कूल बच्चों में अध्यात्म के जरिए माता-पिता व शीर्ष जनों के आदर सम्मान की भावना को जागृत कर रहा है. ऐसे आयोजन सभी जगह होने चाहिए. जिससे युवाओं में माता-पिता के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो सके.

विद्यालय के स्टूडेंट अमृता मिश्रा व नंदिनी तिवारी बताती हैं कि आज के दिन का उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है. मातृ-पितृ दिवस पर पूरे विधि विधान के साथ माता-पिता को भगवान के रूप में साक्षी मानकर उन्हें आसन ग्रहण कराते हुए, उनका तिलक कर, उनकी आरती उतारी जाती है और फिर उनकी परिक्रमा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

कालिंदी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सीमा सिंह ने बताया कि वैलेंटाइन डे को युवा वर्ग खास रूप में देखता है, लेकिन विद्यालय युवाओं में इस भावना को जागृत करना चाहता है कि वे इस पाश्चात्य शैली को नजरअंदाज कर, मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाएं, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी में ये संदेश जा सके कि माता पिता से बड़ा कोई और दूसरा नहीं हो सकता.


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