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24 साल में उत्तराखंड की इकोनॉमी में लंबी छलांग, लेकिन 'कर्ज का मर्ज' बरकरार

जब उत्तराखंड राज्य बना तब 4,500 करोड़ का कर्ज था, आज 80,000 करोड़ है कर्ज

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उत्तराखंड की इकोनॉमी और कर्ज (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 9, 2024, 3:15 PM IST

Updated : Nov 9, 2024, 8:33 PM IST

देहरादून: आज 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहा है. आज उत्तराखंड अपनी स्थापना के 24 वर्ष पूरे करके 25 वर्ष में प्रवेश कर गया है. बीते 24 सालों में उत्तराखंड का फाइनेंशियल सफर किस तरह से रहा है और कैसे विरासत में मिले कर्ज के बोझ को ढोते हुए भी उत्तराखंड ने आर्थिकी के क्षेत्र में एक लंबी छलांग मारी है, जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट में.

विरासत में मिला था कर्ज: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अंतरिम सरकार में जब वित्त मंत्री के रूप में डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने 2001 में उत्तराखंड राज्य का पहला बजट पेश किया था, तो उसमें कुल व्यय 4,505.75 करोड़ (4 हजार 505 करोड़ 75 लाख) और राजस्व प्राप्ति 3,244.71 करोड़ (3 हजार 244 करोड़ 71 लाख) प्रस्तावित थी. यानी कि उत्तराखंड को 1,750 करोड़ (1 हजार 750 करोड़) का घाटा विरासत में मिला था. इस तरह से उत्तराखंड राज्य ने ओवरड्राफ्ट के साथ अपनी फाइनेंशियल जर्नी शुरू की थी. यही नहीं उत्तराखंड को विरासत में 4,500 करोड़ का भारी भरकम कर्ज भी उठाना पड़ा था.

उत्तराखंड की इकोनॉमी और कर्ज (ETV Bharat)

हालांकि इन 23-24 सालों के सफर के बाद अगर इस बार के बजट सत्र की बात करें, तो वित्त मंत्री के रूप में प्रेमचंद अग्रवाल ने 27 फरवरी 2024 को देहरादून विधानसभा में 89,000 करोड़ का बजट सदन में पेश किया. ये एक सरप्लस बजट था. यानी कि इसमें कोई वित्तीय घाटा नहीं था. दूसरी तरफ अगर कर्ज की बात की जाए, तो यह बढ़कर अब इस वित्तीय वर्ष में 80,000 करोड़ हो गया है. हालांकि पिछले 5 साल में कर्ज बढ़ने की यह सबसे कम दर है.

राज्य गठन और पिछले 5 सालों में उत्तराखंड का कर्ज

  • राज्य गठन के समय उत्तराखंड पर कर्ज- 4,500 करोड़
  • साल 2020-21 में उत्तराखंड पर कर्ज- 71,000 करोड़
  • साल 2021-22 में उत्तराखंड पर कर्ज- 77,000 करोड़
  • साल 2022-23 में उत्तराखंड पर कर्ज- 77,023 करोड़
  • साल 2023-24 में उत्तराखंड पर कर्ज- 78,450 करोड़
  • साल 2024-25 में उत्तराखंड पर कर्ज- 80,000 करोड़

इस तरह से जहां एक तरफ उत्तराखंड राज्य लगातार विकास और आर्थिक मोर्चे पर मजबूत होता गया, वहीं कर्ज भी पीछे-पीछे बढ़ता गया. हालांकि सरकार का और वित्त के अधिकारियों का मानना है कि कर्ज का यह आंकड़ा बिल्कुल सामान्य है. सरकार के नियमों के तहत जितना कर्ज लिया जा सकता है, उतना ही कर्ज लिया है, बल्कि उससे भी कम कर्ज मार्केट से उठा रहे हैं.

पिछले 24 सालों में स्थापित हुए इकोनॉमी के नए आयाम: देखा जाए तो उत्तराखंड राज्य ने पिछले 24 वर्षों में देश के अन्य राज्यों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कई सेक्टर में उत्तराखंड राज्य अन्य बड़े राज्यों से अग्रणी रहा है. आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और धार्मिक हर मोर्चे पर राज्य ने एक अलग मुकाम बनाया है. उत्तराखंड एक विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला हिमालयी राज्य है. इसके अलावा राज्य का 67 फ़ीसदी क्षेत्र वनों से घिरा है. राज्य के पास बेहद कम संसाधन हैं. इन्हीं कम संसाधनों से राज्य ने बेहद कम समय में विकास किया है.

वित्त सचिव ने क्या कहा: सचिव वित्त दिलीप जावलकर का कहना है कि आज हम अपने आप को प्रगति के रास्ते पर पाते हैं. स्वतंत्र राज्य बनने का जो हमारा लक्ष्य था, शत प्रतिशत उस लक्ष्य को हमने पाया है. राज्य की जीडीपी काफी आगे बढ़ी है. प्रति व्यक्ति आय में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है. सिंगल डिजिट में हम देश में अग्रणी रहे हैं. उनका कहना है कि आज रोड का नेटवर्क, बिजली की उपलब्धता और नेटवर्क समृद्ध हुए हैं. आज की डेट में हमारे पास 100 प्रतिशत गांवों और सभी जगह बिजली है. इसके अलावा सड़कों का जाल भी सभी गांव तक पहुंच गया है. हमारा प्रदेश डिसिप्लिन तरीके से बहुत आगे बढ़ रहा है. फाइनेंशियल दृष्टि से भी हम आगे बढ़ रहे हैं.

24 सालों में उत्तराखंड की आर्थिक उपलब्धियां:

  • सतत विकास लक्ष्य के तहत नीति आयोग की रैंकिंग में उत्तराखंड नंबर एक पर
  • GST कलेक्शन में उत्तराखंड ने रिकॉर्ड टैक्स जमा किया
  • राज्य की प्रति व्यक्ति आय अन्य राज्यों से काफी आगे
  • सड़क, ऊर्जा, पानी और अन्य सेक्टर में विकास हुआ
  • अनुकूल औद्योगिक नीति और कर लाभों से यहां पूंजी निवेश में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई
  • एमएसएमई क्षेत्र, राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम भूमिका
  • चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थ यात्रियों का पहुंचना
  • UCC, धर्मांतरण, नकल विरोधी और दंगा क्षतिपूर्ति कानून बने

25वें वर्ष में एक मजबूत उत्तराखंड में प्रवेश कर रहे हैं- मुख्यमंत्री:सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि 24 सालों में उत्तराखंड ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में जहां इजाफा हुआ है, तो वहीं बेरोजगारी दर भी उत्तराखंड में घटी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इस पर मत है कि 24 साल की यात्रा में राज्य बहुत तेजी से आगे बढ़ा है. राज्य के शुरुआती दिनों की तुलना में प्रति व्यक्ति आय, सड़कों की बात करें या बिजली, परिवहन, उद्योग या फिर अन्य क्षेत्रों की बात करें तो सभी क्षेत्रों में हमने विकास किया है. हम आगे बढ़े हैं. यह हमारे लिए एक पूंजी की तरह है और हमने उत्तराखंड को और आगे ले जाना है.
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Last Updated : Nov 9, 2024, 8:33 PM IST

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