कुल्लू: देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. कृष्ण मंदिरों में भक्तों का भजन कीर्तन जारी है. सभी कृष्ण मंदिरों में भजन कीर्तन से खूब रौनक भी लगी हुई है. जिला कुल्लू में भी भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है और यहां सभी मंदिरों में भगवान कृष्ण का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन जिला कुल्लू की पुरातन राजधानी नग्गर के ठावा में एक ऐसा कृष्ण मंदिर है, जहां पर माता राधा की स्थापना करने के बाद भगवान कृष्ण स्थाई रूप से यहां पर विराजमान हुए थे.
मंदिर में भगवान कृष्ण पहले भी यहां पर मूर्ति रूप में विराजते थे, लेकिन माता राधा की तलाश में ये मूर्ति कई बार मंदिर से गायब हो जाती थी. ऐसे में माता राधा की स्थापना होने के बाद मूर्ति अब स्थाई रूप से मंदिर में ही विराजती है. नग्गर के ठावा में बना भगवान मुरलीधर का ये मंदिर अति प्राचीन है, जिसका निर्माण द्वापर युग में पांडवों ने किया था. ऐसे में यहां पर भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मची हुई है. मंदिर पुजारी के मुताबिक भगवान मुरलीधर की मूर्ति अचानक ही मंदिर से गायब हो जाती थी और उसके बाद मंदिर के साथ लगते जंगलों में सारा दिन और रात के समय भी बांसुरी की मीठी धुन सुनाई देती थी. ऐसे में राजा जगत सिंह के राज काल के दौरान मिलकर निर्णय लिया गया कि यहां पर भगवान कृष्ण के साथ-साथ राधा की मूर्ति को भी स्थापित किया जाए. माता राधा की मूर्ति स्थापित होने के बाद मूर्ति का लुप्त होना बंद हो गया और यहां पर हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के अलावा अन्य त्योहार भी धूमधाम के साथ बनाए जाते हैं.