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सेफर इंटरनेट डे: साइबर ठगों के निशाने पर हिमाचल, छोटे बच्चों के साथ भी हो रहे फाइनेंशियल फ्रॉड - SAFER INTERNET DAY

सेफर इंटरनेट-डे मकसद इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर जागरूकता बढ़ाना है. आइए जानते हैं कैसे इंटरनेट पर साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रह सकते हैं

सेफर इंटरनेट डे
सेफर इंटरनेट डे (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 10, 2025, 8:13 PM IST

Updated : Feb 11, 2025, 10:52 AM IST

शिमला: थाने का सेटअप... खाकी वर्दी ...पुलिस का रौब और जेल भेज देने का खौफ. साइबर अपराधियों के बनाए इस जाल से निकलना बेहद मुश्किल है. वो कोई भी चाल चल सकते है, इस ब्लाइंड गेम में जो डर गया समझो फंस गया. फेक कॉल, नौकरी दिलवाने का झांसा या आपके किसी रिश्तेदार बनकर आपको फंसाया जा सकता है. बढ़ते साइबर फ्रॉड कॉल्स से कैसे सावधान रहें इसको लेकर आज सेफर इंटरनेट डे के खास मौके पर ETV BHARAT की टीम ने साइबर अपराध विभाग के DIG मोहित चावला से बात की.

सेफर इंटरनेट डे पर हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि आखिरकार साइबर ठगी क्या है? आज के समय में साइबर ठग किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं. सेफर इंटरनेट डे पर हम आपको बताएंगे कि कैसे साइबर ठगी से खुद को बचाना है.

जानिए कैसे बचें साइबर क्राइम (ETV BHARAT)

साइबर क्राइम क्या है ?

टेक्नोलॉजी के इस दौर में मोबाइल फोन, इंटरनेट हमारे जीवन का एक बेहद ही अभिन्न हिस्सा बन गया है. एक तरफ जहां इंटरनेट के कई फायदे हैं, वहीं इसके नुकसान भी हैं. IPS मोहित चावला बताते हैं कि, 'साइबर स्पेस एक वर्चुअल स्पेस है, ये फिजिकल स्पेस नहीं है. साइबर अपराध यानि कि 'ऑनलाइन अपराध', जो इंटरनेट या डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करके किया जाता है. 'ऑनलाइन अपराध' में ऑनलाइन की गई धोखाधड़ी , इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड, साइबर स्टॉकिंग जैसे अपराध शामिल होते हैं.' आज भी दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इस तरह के अपराधों की जानकारी नहीं होती. पढ़े लिखे लोग भी शातिरों के इस जाल में फंस जाते हैं और ऑनलाइन अपराध का शिकार हो जाते हैं.इन तरीकों से शिकार बना रहे ठग ?

फाइनेंशियल फ्रॉड के 75 प्रतिशत मामले

सावधान रहेंगे तो धोखाधड़ी से बचेंगे क्योंकि फ्रॉड कहीं भी हो सकता है. सरकार की लाख कोशिश के बाद भी साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक साइबर क्राइम में 75% मामले फाइनेंशियल फ्रॉड के होते हैं. 25% फ्रॉड सोशल मीडिया के जरिए होते है. IPS मोहित चावला ने बताया कि, 'हिमाचल में हर रोज 4 में से 3 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड की होती हैं. स्टॉक मार्केट स्कैम, जॉब के नाम पर ठगी, इन्वेस्टमेंट स्कैम, OTP स्कैम और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से फाइनेंशियल फ्रॉड किया जा रहा है.'

माह साल 2024 में शिमला साइबर कार्यालय में आई शिकायतें
फाइनेंशियल फ्रॉड सोशल मीडिया फ्रॉड
जनवरी 1075 254
फरवरी 909 195
मार्च 807 224
अप्रैल 647 176
मई 767 192
जून 689 204
जुलाई 731 210
अगस्त 230 160
सितंबर 161 157
अक्टूबर 186 136
नवंबर 109 136
दिसंबर 94 132
कुल 6405 2176

फाइनेंशियल फ्रॉड क्या है

फाइनेंशियल फ्रॉड का मतलब है पैसों की धोखाधड़ी. जब किसी मामले में ऑनलाइन तरीके जैसे क्रेडिट, डेबिट कार्ड, यूपीआई के जरिए पैसों की ठगी होती है तो उसे ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड कहते हैं. इसमें साइबर ठग आपको कोई प्रलोभन, निवेश के नाम पर औ अन्य झूठी जानकारी देकर, डरा धमका कर पैसे ऐंठ सकता है.

डीआईजी मोहित चावला ने बताया कि स्कैमर्स आपको कई तरह से निशाना बना सकते हैं जैसे

जॉब स्‍कैम

इन दिनों सबसे ज्यादा नौकरी के नाम पर ठगी के मामले भी दर्ज किए जा रहे. इस झांसे में सबसे ज्यादा युवा फंसते है. साइबर ठग फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज और लिंक्स भेजते हैं. लोग लिंक्स पर क्लिक कर आवेदन कर देते हैं. इसके बाद ठग फीस के नाम पर बेरोजगार युवाओं से पैसे ऐंठ लेते हैं. कई बार लिंक पर क्लिक करते ही ठग आपके फोन में सेंधमारी कर आपका खाता साफ कर देते हैं.

फर्जी वेबसाइट

साइबर ठग बड़े ही शातिराना तरीके से रीयल शॉपिंग ऐप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं. एंडवास में पेमेंट करने पर आपके पास कोई प्रोडक्ट पहुंचता ही नहीं है, क्योंकि ये फर्जी वेबसाइट होती है.

फेक कॉल्स

सोशल मीडिया पर साइबर ठग किसी लड़की की फेक प्रोफाइल से लोगों को शिकार बनाते हैं. ठग लड़की की प्रोफाइल से फेक वीडियो कॉल करते हैं. कॉल उठाते ही आपका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जाता है. बाद में ठग वीडियो से छेड़छाड़ कर इसे अश्लील वीडियो में बदल देते हैं. बाद में ठग इस वीडियो के जरिए लोगों को बदनामी का डर दिखाकर इसे वायरल करने की धमकी देकर पैसे ठगते हैं.

डिजिटल अरेस्ट

DIG मोहित चावला ने बताया कि, 'भारत के किसी भी कानून में डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान नहीं हैं. साइबर ठग लोगों को पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं. इसके बाद लोग डरकर ठगों को पैसे भेज देते हैं. इस तरह की घटना अगर आपके साथ होती है तो उसपर भरोसा न करें. हिमाचल प्रदेश में साल 2024 में डिजिटल अरेस्ट के 15 मामले सामने आए हैं. इसमें करीब 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों के नए हथियार 'डिजिटल अरेस्ट' से जानें कैसे बचें, इन बातों का रखें ख्याल, वरना होगी भारी परेशानी

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए टिप्स

  • इंटरनेट, सोशल मीडिया पर अपनी सार्वजनिक जानकारी शेयर करने से बचें. सार्वजनिक साइट, ब्लॉग और इंटरनेट, सोशल मीडिया पर अपना ईमेल, क्रेडिट, डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन आदि शेयर न करें.
  • ईमेल, सोशल मीडिया, मैसेजिंग एप पर आए हुए लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें. उसका डोमेन नेम जरूर चेक करें.
  • किसी साइट पर अपनी जानकारी शेयर करने से पहले उस साइट की सत्यता की पुष्टि कर लें
  • पब्लिक प्लेस पर फ्री वाई-फाई का प्रयोग करने से बचें
  • गलती से भी अपने मोबाइल फोन में अनजाने लिंक पर न क्लिक करें और न ही कोई ऐप डाउनलोड करें
  • साइबर ठगी के फोन कॉल आने पर तुरंत उन्हें काट दें या ब्लॉक कर दें. डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में संयम बनाए रखें. जालसाज के झांसे में आए बिना फोन काटकर उसकी शिकायत करें.
2024 में 1930 नंबर पर आई कॉल्स
साल फाइनेंशियल फ्रॉड सोशल मीडिया फ्रॉड पूछताछ
2023 11,172 4,461 11,419
2024 18,480 7,427 22,200

साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करें

डीआईजी मोहित चावला ने कहा कि,'अगर आपको लगता है कि आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं तो आप सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज करवाए. ठगी होने के तुरंत बाद साइबर थाने में शिकायत दें. इसके बाद पुलिस स्कैमर्स के बैंक खातों पर रोक लगा देती है. इससे आपका पैसा वापस आने की उम्मीद बढ़ जाती है.'

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Last Updated : Feb 11, 2025, 10:52 AM IST

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